ये वाईब्रेटरी पेवर तकनीक की रोड है, 20 साल चलेगी
Kanpur News – कानपुर में रायपुरवा में पहली बार वाईब्रेटरी पेवर तकनीक से सीसी रोड का निर्माण शुरू हुआ है। नगर निगम ने 40 लाख रुपये खर्च कर यह तकनीक अपनाई है, जो 20 साल तक क्षतिग्रस्त नहीं होगी। बारिश या जलभराव का इस…

कानपुर, मुख्य संवाददाता शहर की पहली वाईब्रेटरी पेवर तकनीक से रायपुरवा में सीसी रोड बननी शुरू हो गई है। नगर निगम द्वारा बनाई जा रही इस सड़क पर 40 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे बनने वाली रोड 20 साल तक क्षतिग्रस्त नहीं होती। बारिश हो या जलभराव, इस पर असर नहीं होता। नगर निगम ने इस तकनीक का इस्तेमाल प्रयोग के तौर पर किया है। इसके लिए सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) के निर्देशन में यह निर्माण शुरू हुआ है। इसके लिए वाईब्रेटरी पेवर रोलर मशीन मंगाई गई है जो डामर, सीमेंट और कंक्रीट को एक झटके में समतल करते एयर टाइट कर देती है।
अब इस तकनीक का इस्तेमाल सीएम ग्रिड की सड़कों में किया जाएगा। लगभग 1000 करोड़ तक की सड़कें इसी तकनीक से शहर में बनेंगी ताकि बार-बार मरम्मत या दोबारा बनाने की नौबत न आए। नगर आयुक्त सुधीर कुमार गहलौत ने इस संबंध में चीफ इंजीनियर सैय्यद फरीद अख्तर जैदी को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। नगर आयुक्त सुधीर कुमार गहलौत के मुताबिक पहली बार वाईब्रेटरी पेवर तकनीक से शहर में सीसी रोड का निर्माण शुरू हुआ है। इसके लिए सीआरआरआई की मदद ली गई है। अब आगे इसी तकनीक से कई प्रमुख मार्गों का निर्माण किया जाएगा। इससे रखरखाव में बचत होगी। क्या है वाइब्रेटरी पेवर तकनीक – यह कंक्रीट या डामर को कंप्रेस करके समतल कर देती है – इस रोड का निर्माण वाईब्रेटरी रोलर मशीन से किया जाता है – कम से कम 20 साल तक सड़क क्षतिग्रस्त नहीं हो सकती – बारिश या जलभराव का इस तकनीक की रोड पर असर नहीं