वक्‍फ बोर्ड में गैर मुस्‍ल‍िम सदस्‍य क्‍यों, सीजेआई का केंद्र से कड़ा सवाल

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Waqf Act SC Hearing: नए वक्‍फ बोर्ड कानून पर सीजेआई ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे. जानना चाहा क‍ि वक्‍फ बोर्ड में गैर मुस्‍ल‍िम सदस्‍य क्‍यों होंगे और क्‍या ह‍िन्‍दुओं के ट्रस्‍ट में भी ऐसा होता है? केंद्र स…और पढ़ें

वक्‍फ बोर्ड में गैर मुस्‍ल‍िम सदस्‍य क्‍यों, सीजेआई का केंद्र से कड़ा सवाल

एसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में हर सवाल का जवाब द‍िया.

हाइलाइट्स

  • वक्‍फ बोर्ड में गैर मुस्‍ल‍िम सदस्‍यों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीखा सवाल पूछा.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा-क्‍या ह‍िन्‍दओं के ट्रस्‍ट में भी इसी तरह की व्‍यवस्‍था हो सकती है.
  • एसजी ने सुप्रीम कोर्ट के एक-एक सवाल का जवाब द‍िया और हलफनामा देने को भी कहा.

वक्‍फ बोर्ड कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्‍ट‍िस संजीव खन्‍ना ने केंद्र सरकार से कई कड़े सवाल पूछे. सीजेआई ने कहा, कानून में आप कहते हैं क‍ि वक्‍फ बोर्ड गैर मुस्‍ल‍िम सदस्‍य होंगे. क्‍या आप बता सकते हैं क‍ि कितने सदस्य गैर-मुस्लिम होंगे? क्‍या आप अदालत को भरोसा देंगे क‍ि 2 पदेन सदस्‍यों के अलावा बाकी सब मुसलमान होंगे. कोर्ट ने यह भी पूछा क‍ि जब आप वक्‍फ बोर्ड में गैर मुस्‍ल‍िम सदस्‍य बना रहे हैं तो क्‍या हिन्‍दुओं के ट्रस्‍ट में भी ऐसा होता है? और ह‍िन्‍दू कैसे अन्‍य धर्म के बारे में फैसला कर सकता है? इस पर केद्र सरकार के वकील ने जवाब द‍िया.

सीजेआई ने सॉल‍िसीटर जनरल से पूछा, क्‍या आप कोर्ट के सामने यह बयान देने के ल‍िए तैयार हैं क‍ि वक्‍फ बोर्ड में 2 से ज्‍यादा मुस्‍ल‍िम सदस्‍य नहीं होंगे. इस पर एसजी ने कहा, जी हम इसे हलफनामे में देने के ल‍िए तैयार हैं. इसके बाद जस्‍ट‍िस विश्वनाथन ने सवाल क‍िया. उन्‍होंने कहा- देखिए मस्जिदों आदि में भी प्रवेश से जुड़े मुद्दे होते हैं..इसलिए ऐसे लोगों की आवश्यकता होगी जो वहां जा सकें. इस पर एसजी ने कहा, चैरिटी कमिश्नर जा सकते हैं.

जेपीसी की बातचीत कानून नहीं
इस पर जस्‍ट‍िस कुमार ने फ‍िर पूछा, आपने यह क्यों उल्लेख किया कि इन सदस्यों का मुस्लिम होना आवश्यक है. खंड सी देखें. आपने ऐसा क्यों कहा? इस पर एसजी ने कहा- ज्‍वाइंट पार्लियामेंट कमेटी को हमारा जवाब देखें. उसमें सबकुछ साफ साफ ल‍िखा है. इस पर जस्‍ट‍िस कुमार ने पूछा-लेकिन हमें कानून के प्रोव‍िजन के अनुसार चलना होगा..बाकी सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं. लेकिन प्रोव‍िजन में ऐसा नहीं लिखा गया है कि केवल दो…आप जेपीसी में क्‍या-क्‍या हुआ, उसे कानून के रूप में नहीं पढ़ सकते. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि क्या वह मंदिरों को चलाने वाले ट्रस्‍ट या मैनेजमेंट बोर्ड में गैर-हिंदुओं को शामिल करने की अनुमति देगी, जैसा कि वक्फ में क‍िया जा रहा है. इस पर एसजी मेहता ने कहा कि वह हलफनामे पर बता सकते हैं कि 2 से अधिक सदस्य गैर-मुस्लिम नहीं होंगे.

जैसे आप फैसला कर रहे…
इसके बाद सीजेआई ने बड़ा सवाल पूछा. कहा- मान लीजिए हिंदू मंदिर में जो ट्रस्‍ट है, तो क्‍या उसमें भी अन्‍य धर्मों के लोग हैं? क्‍या वे अन्‍य धर्म के बारे में फैसला कर सकते हैं. इस पर एसजी ने जवाब द‍िया, अगर आपका तर्क मान ल‍िया जाए तो फ‍िर सुप्रीम कोर्ट के जज भी इस मामले में सुनवाई नहीं कर सकते. इस पर सीजेआई ने कहा, जब हम यहां निर्णय लेने के लिए बैठते हैं, तो हम अपना धर्म खो देते हैं. हम धर्मनिरपेक्ष हैं. हम एक ऐसे बोर्ड की बात कर रहे हैं जो धार्मिक मामलों का मैनेजमेंट कर रहा है. इस पर एसजी ने कहा, यह एक ऐसा बोर्ड होगा जो सलाहकार की तरह काम करेगा. एसजी ने यह भी दलील दी क‍ि अब तक वक्‍फ कानून से सिर्फ शिया और सुन्‍नी को फायदा मिलता था. अब मुस्लिमों के अन्य संप्रदायों, बोहरा और अन्य को बोर्ड में प्रतिनिधित्व मिलेगा.

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