विकास दुबे के साथी जय बाजपेई को हाईकोर्ट से जमानत, आठ पुलिस वालों की हत्या में है नाम
कानपुर के बिकरू कांड से चर्चा में आए कुख्यात विकास दुबे के साथी जय बाजपेई को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। बिकरू कांड में आठ पुलिस वालों की हत्या हो गई थी।

कानपुर के बिकरू कांड के रूप में चर्चित एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का साथी जय बाजपेई अब जेल से बाहर आ सकेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जयकांत बाजपेई को राहत देते हुए उसकी जमानत अर्जी शर्तों के साथ मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने जयकांत बाजपेई की दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया है।
दो जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू में पुलिस वालों ने गैंगस्टर विकास दुबे के घर पर छापेमारी की थी। इस दौरान विकास के साथियों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इस फायरिंग में आठ पुलिस वालों की मौत हो गई थी। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वालों की हत्या ने पूरे यूपी में सनसनी फैला दी थी। पुलिस ने भी बाद में विकास दुबे समेत उसके कई साथियों को मार गिराया था। जय बाजपेयी को भी आरोपी बनाते हुए छापेमारी हुई थी।
कहा जाता है कि जयकांत बाजपेई राजनीतिक पहुंच के कारण सरेंडर करने में सफल हो गया था। तभी से वह जेल में है। पांच साल से जेल में बंद जयकांत बाजपेई की दूसरी जमानत अर्जी में कहा गया था कि वह कानपुर नगर के चौबेपुर थाने में दर्ज बिकरू कांड की एफआईआर में आरोपी है। इस मामले में उसकी पहली जमानत अर्जी 30 मई 2023 को खारिज कर दी गई थी।
कहा गया कि बिकरू में एफआईआर में 21 नामजद और 60-70 अज्ञात आरोपी हैं। याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष के 102 गवाह हैं और अब तक उनमें से केवल 13 की परीक्षा की गई है। सह अभियुक्त उमा शंकर यादव उर्फ टांके की पहली जमानत अर्जी खारिज होने के बाद गत आठ मई दूसरी अर्जी मंजूर कर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया गया है। कहा गया ट्रायल के जल्दी निस्तारण की संभावना बहुत कम है। इसके साथ ही जिन आरोपियों की जमानत पहले खारिज कर दी गई थी, उन्हें इस न्यायालय द्वारा जमानत दी गई है। याची का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 20 जुलाई 2020 से जेल में बंद है इसलिए उसकी जमानत मंजूर की जाए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने जयकांत बाजपेई की शर्तों के साथ जमानत मंजूर कर ली।