Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में तेज हवाएं चलेंगी-बारिश भी खूब होगी? जानिए क्या है 1 जून से मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मौसम पर बड़ा अपडेट सामने आया है। उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहेगा। उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला 01 जून से शुरू होकर अगले दो से तीन दिनों तक जारी रहेगा। मौसम विभाग की ओर से बारिश पर अलर्ट भी जारी किया गया है।
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। केदारनाथ, बदरीनाथ समेत उत्तराखंड चारधाम यात्रा रूट पर विशेषतौर से निगरानी रखी जा रही ही है।
चारधाम यात्रा रूट पर संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। इसी के साथ ही, आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को अलर्ट मोड पर रहने की सख्त हिदायत भी दी गई है।
देहरादून में दिन में धूप, शाम को बूंदाबांदी
देहरादून में शनिवार को दिन में धूप खिली रही, जिससे तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। शाम को कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई। रात में न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर में 35.5, मुक्तेश्वर में 22, नई टिहरी में 26.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
मॉनसून से निपटने को सतर्क रहे अफसर
उत्तराखंड में आगामी मॉनसून सीजन से निपटने के लिए जिला प्रशासन सतर्क मोड मेंआ गया है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने संभावित आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभागीय अधिकारियों को समुचित संसाधनों के साथ तैयार रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि मानसून सीजन में मार्ग बंद होने पर खाद्यान्न संकट गहरा जाता है, इसलिए पहले ही इसकी व्यवस्था कर लें।
मॉनसून पूर्व तैयारियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। कहा कि मॉनसून सत्र को ध्यान में रखते हुए सभी विभाग अपने-अपने स्तर से पूर्व तैयारी पूरी कर लें। कहा कि सभी तहसीलों में आपदा नियंत्रण कक्षों का हर समय चालू हालत में रखें। जिससे आपदा की स्थिति में संबंधित विभागों को त्वरित सूचना प्राप्त हो सके और राहत एवं बचाव कार्य प्रभावित न हो।
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