UP और बिहार में बढ़ा बारिश का इंतजार, कमजोर पड़ा मॉनसून; कब मिलेगी राहत

मौसम विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 11 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी में मौसमी सिस्टम तैयार हो रहा है, जो मॉनसून को मजबूत करेगा और देश के उत्तरी हिस्सों में प्रगति के लिए अनुकूल स्थिति तैयार करेगा।
समय से पहले केरल में एंट्री लेने के बाद मॉनसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि एक सप्ताह से ज्यादा समय तक भारत को बारिश की कमजोर स्थिति देखने को मिल सकती है। हालांकि, 11 जून से कुछ राहत मिलने के आसार हैं। आमतौर पर 1 जून को केरल पहुंचने वाले मॉनसून ने 24 मई को ही दस्तक दे दी थी।
रॉयटर्स से बातचीत में IMD यानी भारत मौसम विज्ञान विभाग के पुणे कार्यालय में अधिकारी एसडी सनप ने भी बारिश की रफ्तार धीमी होने की बात कही है। सोमवार को उन्होंने कहा कि मॉनसून की बारिश अगले कुछ दिन कमजोर रहेगी, लेकिन 11-12 जून से मॉनसून मजबूत होगा और देश के अन्य हिस्सों को कवर करना शुरू कर देगा। IMD के मॉनसून चार्ट में भी धीमी रफ्तार के संकेत मिल रहे हैं।
मौसम विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 11 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी में मौसमी सिस्टम तैयार हो रहा है, जो मॉनसून को मजबूत करेगा और देश के उत्तरी हिस्सों में प्रगति के लिए अनुकूल स्थिति तैयार करेगा।
कहां तक पहुंचा मॉनसून
IMD के अनुसार, मॉनसून ने 29 मई तक पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को कवर कर लिया था। आमतौर पर इन राज्यों में मॉनसून की पूरी एंट्री के लिए 10 जून तक का समय लगता है। इसके अलावा मॉनसून समय से पहले तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना पहुंच गया है। साथ ही मॉनसून ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है।
10 जून के बाद झारखंड पहुंचेगा मॉनसून
पश्चिम बंगाल और बिहार को छूकर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून कमजोर पड़ गया है। अब झारखंड में मॉनसून पहुंचने की संभावना 10 जून के बाद ही है। मौसम विभाग के अनुसार बताया कि केरल के बाद मॉनसून पूर्वोत्तर के राज्यों की ओर बढ़ गया है। बंगाल की खाड़ी में बना हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ने के चलते मॉनसून बंगाल के रास्ते झारखंड में प्रवेश नही कर सका है।
मौसम विभाग ने अगले दो-चार दिनों में तापमान में और होने की आशंका व्यक्त की है। हालांकि विभाग ने झारखंड के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की बात भी कही है।
पूर्वोत्तर में स्थिति गंभीर
पूर्वोत्तर में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही और बाढ़ एवं भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 36 पहुंच गई है, जबकि क्षेत्र के कई राज्यों में 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन के कारण असम में सबसे अधिक 11 लोगों की जान गई है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 10, मेघालय में छह, मिजोरम में पांच, सिक्किम में तीन और त्रिपुरा में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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