ट्रेन के इंतजार में खड़े थे दो पुरुष, एक महिला… तभी पहुंची BSF, खुला बड़ा कांड

नई दिल्ली: शुक्रवार की रात, अगरतला रेलवे स्टेशन के भीड़भाड़ वाले प्लेटफॉर्म पर सबकुछ आम लग रहा था. लेकिन उस भीड़ में तीन चेहरे कुछ अलग थे. दो पुरुष, एक महिला. नजरें नीचे, चाल तेज, और कंधे पर बैग. मगर कुछ चीजें वो छिपा नहीं पा रहे थे. चेहरे की घबराहट. तभी GRP, RPF और BSF की टीम वहां पहुंचती है. तीनों को रोकती है. तीनों को काटो तो खून नहीं. चेहरा अब पीला पड़ चुका था. तलाशी ली गई. जेब में भारतीय नोट थे, हाथ में मोबाइल मगर बैग में बांग्लादेशी पहचान.
अगरतला से बेंगलुरु/चेन्नई वाया कोलकाता
ये तीनों- 23 वर्षीय कमरुन्नेसा (ढाका), 22 साल का इस्माइल (ढाका) और 25 साल का नूर (चटगांव) बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसे थे. उनका प्लान सीधा था, अगरतला से कोलकाता और फिर बेंगलुरु या चेन्नई जाकर नई जिंदगी शुरू करना. लेकिन ये जिंदगी आसान नहीं थी, ये एक रैकेट का हिस्सा थी. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरोगेशन में महिला ने बताया कि उसे ब्यूटी पार्लर में नौकरी का झांसा दिया गया था. जबकि बाकी दो को जूस बार में काम मिलने की बात कही गई थी.
ट्रेन पकड़ने से चंद मिनट पहले ही GRP, RPF और BSF की जॉइंट टीम ने इन तीनों को पकड़ लिया. साथ में मिले- भारतीय करंसी, बांग्लादेशी वोटर आईडी और तीन मोबाइल फोन. स्टेशन इंचार्ज तपस दास ने खुद इस ऑपरेशन की पुष्टि की. इन तीनों पर भारतीय न्याय संहिता, पासपोर्ट एक्ट, फॉरेनर्स एक्ट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है.
ये कोई पहली बार नहीं था. एक दिन पहले ही दो बांग्लादेशी महिलाएं इसी तरह पकड़ी गई थीं. उनका इरादा मुंबई तक पहुंचने का था. वे बरीशाल और मानिकगंज की रहने वाली थीं, और उन्होंने भी सीमा पार की थी बिना किसी वैध दस्तावेज़ के.
हसीना के जाने के बाद से बढ़ी घुसपैठ!
पिछले साल अगस्त से हालात बदले हैं. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार की गिरावट के बाद वहां अस्थिरता है. सीमा पार से रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन भारत की सुरक्षा एजेंसियां अब अलर्ट पर हैं.
BSF ने ट्रिपुरा के उन सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है, जहां बाड़ टूट चुकी है या नदी के बीच से सीमा गुजरती है. मार्च में एक ही हफ्ते में 2.88 करोड़ रुपये की नशीली चीजें, गांजा और तस्करी का सामान जब्त हुआ.
BSF के IG पीयूष पुरषोत्तम दास खुद हालात का जायज़ा ले चुके हैं. गश्त बढ़ाई गई है, गश्ती डॉग्स और हाईटेक ड्रोन लगाए गए हैं. और सबसे अहम, BSF अब नॉन-लीथल हथियारों से जवाब देने की रणनीति अपना रही है, ताकि मानवता भी न टूटे और सुरक्षा भी बनी रहे.
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