समंदर में 33,500 km हुए पूरे, 9,500 km है बाकी, INSV तारिणी की हो रही घर वापसी

Reported by:

Last Updated:

INSV TARINI : नौसेना की जांबाज अफसर लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए देश की लड़कियों के लिए एक नजीर बन गई है. जिस काम को सोचकर भी पसीने छूट जाए, उस काम को पूरा करने की कगार पर है. समंदर मे…और पढ़ें

समंदर में 33,500 km हुए पूरे, 9,500 km है बाकी, INSV तारिणी की हो रही घर वापसी

INSV तारिणी अपने मंजिल गोवा के लिए रवाना

हाइलाइट्स

  • INSV तारिणी ने 33,500 किलोमीटर की दूरी पूरी की.
  • गोवा तक 9,500 किलोमीटर की यात्रा बाकी है.
  • महिला अफसरों ने पॉइंट नीमो को सफलतापूर्वक पार किया.

INSV TARINI : भारतीय महिलाओं ने पूरे देश और दुनिया में अपना परचम लहरा रखा है. क्षेत्र कोई भी हो हर क्षेत्र में वह अव्वल है. भारतीय महिला अफसर आज दुनिया में साहस से ऐसा मुकाम हासिल कर रही है जो किसी ने सोचा भी नहीं होगा. 2 अक्टूबर 2024 को समंदर से पूरी दुनिया का चक्कर लगाने के लिए INSV तरिणी पर सवार होकर दो मिहिला अफसर लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए निकली थी. तय करनी थी समंदर में तकरीबन 40,000 किलोमीटर की दूरी. महिला अफसरों ने अशांत समुद्री यात्रा का अपने सारे पड़ाव को पार कर अपनी मंजिल गोवा के लिए निकल चुकी है. केपटाउन से गोवा तक के इस सफर उन्हें 9,500 किलोमीटर की दूरी तय करनी है. मई के अंत तक दोनों के गोवा पहुंचने की उम्मीद है

33,500 किलोमीटर कर चुकी हो पूरी
अब तक तारिणी से दोनों अफसरों ने कुल 33,500 किलोमीटर की दूरी तय की है. इस यात्रा में लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने ग्रेवयॉर्ड ऑफ स्पेस क्राफ्ट, मोस्ट रिमोट लोकेशन ऑन अर्थ के नाम से भी जाना जाने वाले पॉइंट नीमों को सफलतापूर्वक पार किया. यह जगह पृथ्वी के सबसे दूर का इलाका है. पॉइंट नीमो से सबसे पास की जमीन लगभग 2688 किलोमीटर पर है. दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित यह पॉइंट अपनी अत्यधिक रिमोट एरिया के तौर पर जाना जाता है. यहां पर किसी इंसान की सबसे नजदीक मौजूदगी सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में मौजूद एक्स्ट्रानॉट की होती है, जो इसके 400 किलोमीटर ऊपर ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है. तीन केप्स से होकर गुजर चुकी है. इसमें ऑस्ट्रेलिया की केप ल्यूविन, साउथ अमेरिका की केप होर्न, साउथ अफ्रीका मे केप ऑफ गुड होप्स शामिल है.

8 महीने में नाप देंगी पूरी दुनिया
भारतीय नौसेना का नाविका सागर परिक्रमा का दूसरा एडिशन है. INSV तारिणी 17 मीटर लंबी और 5 मीटर चौड़ी एक नाव है. सिर्फ समुद्री हवा की गति से चलने वाली यह बोट है. नाव चलाने के लिए कोई बाहर से सपोर्ट नहीं है यानी कोई इंजन नहीं है. दोनों महिला अफसर बोट को हवा की ताकत से ही चला रही है. इस दौरान हाई सी, एक्सट्रीम वेदर कंडीशन से सामना कर रही हैं. 8 महीनों तक समंदर में नाव चलाकर दो महिला अधिकारी 21600 नॉटिकल मील यानी 40,000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर पूरा कर रही हैं. इस पूरे सफर में तारिणी किसी कनाल या स्ट्रैट से होते हुए नहीं गुजरी. इस पूरे सफर में इक्वेक्टर को कम से कम दो बार पार किया है. इससे पहले 2017 में नेवी की छह महिला अधिकारियों ने सरकम नेविगेशन पूरा किया था.

कड़ी मेहनत काम आई
लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा सागर परिक्रमा के लिए करीब तीन साल से तैयारी कर रही थी. नेवी ने सागर परिक्रमा के दूसरे एडिशन के लिए वॉलेंटियर्स मांगे थे. इसके लिए कई महिला अधिकारी सामने आई. उनमें से यह दो महिला अधिकारी चुनी गई. सर्कमनेविगेशन के लिए निकलने से पहले तैयारी के तौर पर इन दोनों ने गोवा से मॉरिशस, गोवा से कैपटाउन होते हुए रियो-डी-जेनरो और वहां से वापस लौटी. गोवा से पोर्ट ब्लेयर तक का सफर भी बोट के जरिए ही पूरा किया. समंदर में किसी भी तरह की मेडिकल इमर्जेंसी के लिए इन्होंने मेडिकल के गुर सीखे. 8 महीने के सफर में खुद का ध्यान खुद से रखा.इसके अलावा बोट का मेंटेनेस करना भी सीखा, सरकम नेविगेशन के लिए जरूरी है कि जिस पोर्ट से यात्रा शुरू हुई उसी पर सफर खत्म करना होता है.

homenation

समंदर में 33,500 km हुए पूरे, 9,500 km है बाकी, INSV तारिणी की हो रही घर वापसी

और पढ़ें

Credits To Live Hindustan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *