सिंधु जल समझौते पर भारत ने पाकिस्‍तान को UN में दिखाई औकात, टेंशन में शहबाज

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Indus Water Treaty News: पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्‍ते में डाल दिया है. नई दिल्‍ली के इस कदम से पाकिस्‍तान में जलसंकट की समस्‍या गहरा गई है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जहां…और पढ़ें

सिंधु जल समझौते पर भारत ने पाकिस्‍तान को UN में दिखाई औकात, टेंशन में शहबाज

भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्‍तान को UN में जवाब दिया है.

हाइलाइट्स

  • सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्‍ते में डालने से संकट में पाकिस्‍तान
  • UN में भारत ने आतंकियों के मददगार को दिखाई उसकी औकात
  • ग्‍लेशियर समिट में PM शहबाज शरीफ ने छेड़ा था मुद्दा, मिला जवाब

Indus Water Treaty News: पहलगाम नरसंहार के बाद भारत ने जबसे सिंधु जल समझौते को अनिश्चितकाल तक के लिए ठंडे बस्‍ते में डालने का ऐलान किया है, पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के होश उड़े हुए हैं. वे जहां भी जा रहे हैं, इंडस वॉटर ट्रिटी का राग ही अलाप रहे हैं. शहबाज शरीफ के आरोपों का भारत ने जोरदार तरीके से जवाब दिया है. भातर ने UN में करारा जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्‍तान ने आतंकवाद का समर्थन कर सिंधु जल समझौते को तोड़ा है. भारत ने UN ग्‍लेशियर समिट में पड़ोसी देश को उसकी औकात दिखाते हुए बात दुनिया को बताई है.

UN ग्लेशियर समिट में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान द्वारा लगाए गए उन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, नई दिल्ली ने इसके बजाय तर्क दिया कि सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान का निरंतर समर्थन 1960 में जल-बंटवारे के समझौते को प्रभावित कर रहा है. भारत का मामला पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दुशांबे (ताजिकिस्तान) में ग्लेशियरों पर पहले UN सम्मेलन के पूर्ण सत्र में प्रस्तुत किया. अपने संबोधन के दौरान कीर्ति वर्धन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देकर समझौते का उल्लंघन कर रहा है.

भारत का करारा जवाब

कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि हम पाकिस्तान द्वारा इस फोरम (UN Summit) का दुरुपयोग करने और उन मुद्दों का अनुचित संदर्भ लाने के प्रयास से स्तब्ध हैं. यह बात इस फोरम के दायरे में नहीं आती है. उन्‍होंने कहा कि हम इस तरह के प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं. भारत के मंत्री ने आगे कहा कि सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से हालात में बुनियादी बदलाव आए हैं और इस फैक्‍ट से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए इस समझौते की समीक्षा करने की जरूरत है.

पाकिस्‍तान को किया तार-तार

भारत ने समझौते की प्रस्तावना का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इसे सद्भावना और मित्रता की भावना से संपन्न किया गया था और इस संधि का सम्मान सद्भावनापूर्वक करना आवश्यक है. कीर्ति वर्धन ने तर्क दिया कि हालांकि पाकिस्तान से लगातार सीमा पार आतंकवाद संधि के प्रावधानों के अनुसार इसका फायदा उठाने की क्षमता में बाधा डालता है. उन्‍होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान जो खुद संधि का उल्लंघन करता है, उसे संधि के उल्लंघन का दोष भारत पर लगाने से बचना चाहिए.’ यह ध्यान देने योग्य है कि भारत की ओर से उनकी टिप्पणी शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के तुरंत बाद आई थी. शरीफ ने अपने नए फील्ड मार्शल असीम मुनीर की घोषणा को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत को संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित करके और लाखों लोगों की जान को खतरे में डालकर लाल रेखा पार करने की अनुमति नहीं देगा.

शहबाज शरीफ ने क्‍या कहा था

अब सवाल उठता है कि पाक‍िस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने क्‍या कहा था. पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने शरीफ के हवाले से रिपोर्ट दी, ‘सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध फैसला बेहद खेदजनक है.’ भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद दशकों पुरानी संधि को स्थगित कर दिया था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे.

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