शराब यूं ही नहीं बदनाम…2 CM देख चुके हाथ लगाने का अंजाम, जानिए अब कौन परेशान

Written by:

Last Updated:

Jharkhand Liquor Scam: दिल्ली, छत्तीसगढ़ के बाद अब झारखंड में शराब घोटाले ने सियासी भूचाल मचाया है. विनय कुमार चौबे की गिरफ्तारी से हेमंत सोरेन तक जांच की आंच पहुंच सकती है. शराब के कारण अरविंद केजरीवाल जेल गए,…और पढ़ें

शराब यूं ही नहीं बदनाम...2 CM देख चुके हाथ लगाने का अंजाम, जानिए अब कौन परेशान

झारखंड शराब घोटाला केस में बड़ी गिरफ्तारी हुई है. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • दिल्ली, छत्तीसगढ़ और झारखंड में शराब घोटाले से सियासी भूचाल
  • अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल गए
  • भूपेश बघेल और हेमंत सोरेन जांच के घेरे में

शराब बहुत खराब है… लोग कहते तो हैं पर करते उसके उलट हैं. शराब को हाथ लगाना मतलब खुद को नुकसान पहुंचाना है. फिजिकली हो या पॉलिटिकली.. शराब सच में खराब है. जिसने शराब को हाथ लगाने की कोशिश की, उसका अंजाम दुनिया देख चुकी है. चाहे वह एक आम पब्लिक हो या कोई बड़ा नेता. जी हां, शराब यूं ही बदनाम नहीं है. शराब के कारण दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल आ चुका है. कहते हैं शराब के कारण ही दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार गिर गई. अब दिल्ली, छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड में शराब घोटाले का जिन्न सामने आया है.

दरअसल, शराब घोटाले के कारण अरविंद केजरीवाल जेल भी जा चुके हैं. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभी सीधे तौर पर अंजाम तो नहीं देख पाए हैं. मगर उनके ऊपर भी जांच एजेंसियों की तलवार लटकी है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच की आंच उन तक पहुंच चुकी है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भूपेश बघेल का कनेक्शन अभी जांच के दायरे में है. अभी तक उनके खिलाफ चार्जशीट फाइल नहीं हुई है. मगर इस घोटाले से उनकी छवि को डेंट लगा है. अब हेमंत सोरेन भी उसी तरह के शराब घोटाले की जांच की आंच का सामना करते दिख सकते हैं. कारण कि कभी विनय कुमार चौबे कभी उनके प्रधान सचिव थे.

झारखंड में घोटाले की कहानी

सबसे पहले जानते हैं झारखंड में शराब घोटाले की कहानी. झारखंड के सीनियर आईएएस विनय कुमार चौबे की गिरफ्तारी से हड़कंप मच गया है. शराब घोटाले में ही विनय कुमार चौबे की गिरफ्तारी हुई है. वह अभी पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं. इससे पहले वह झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं. यह मामला 2022 में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में लागू हुई एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ियों से जुड़ा है. उस वक्त विनय कुमार चौबे झारखंड में एक्साइज सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे. झारखंड शराब घोटाले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आ चुकी है.

हेमंत सोरेन का क्या कनेक्शन?

यह तब की बात है जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे. हालांकि, वह 2019 से 2024 तक और फिर जुलाई 2024 से झारखंड के मुख्यमंत्री हैं. हेमंत सोरेन पर इस शराब घोटाले में सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं लगा है. हालांकि, उनके पूर्व प्रधान सचिव यानी आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की गिरफ्तारी से हेमंत सोरने सवालों के दायरे में आ गए हैं. 2022 की आबकारी नीति लागू होने के दौरान विनय कुमार हेमंत सोरेन के करीबी थे. विनय चौबे पर आरोप है कि उन्होंने नीति में बदलाव कर एक सिंडिकेट को फायदा पहुंचाया, जिसमें शराब की आपूर्ति और मैनपावर सप्लाई के टेंडर में हेराफेरी की गई. हेमंत सोरेन का नाम भले अब तक इस घोटाले में नहीं है, मगर विनय चौबे की गिरफ्तारी से भाजपा को उनके खिलाफ सियासी हमला बोलने का मौका मिल गया है. जब तक शराब घोटाले की जांच पूरी नहीं होती, तब तक झारखंड की सियासत में भूचाल रहेगा.

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और भूपेश बघेल का कनेक्शन

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला कथित तौर पर 2161 करोड़ रुपये का है. यह शराब घोटाला तब हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार थी. यानी छत्तीसगढ़ का कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ. यह घोटाला आबकारी नीति से जुड़ा है, इसमें अवैध कमीशन, मनी लॉन्ड्रिंग और शराब बिक्री में हेराफेरी के आरोप हैं. ईडी की जांच में दावा है कि शराब नीति से जुड़ी नोटशीट पर भूपेश बघेल और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के दस्तखत थे. इस केस में ईडी ने भूपेश बघेल के घरों पर रेड भी मारी और कैश भी बरामद किए. भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य ईडी की रडार पर हैं. ईडी का दावा है कि चैतन्य इस घोटाले में लाभार्थी हैं. उन्हें तो समन भी जारी किया गया. हालांकि, भूपेश भघेल भले जांच के दायरे में हैं, मगर उनके खिलाफ अभी कोई सबूत नहीं है. उन्हें अभी जांच एजेंसी ने आरोपी भी नहीं बनाया है. कहते हैं कि इस शराब घोटाले के कारण उन्हें सियासी नुकसान हुआ है.

दिल्ली में तो शराब ने सरकार ही बदलवा दी

अब कहानी दिल्ली शराब घोटाले की. दिल्ली का शराब घोटाला कौन नहीं जानता. इसके चक्कर में तो सीएम और डिप्टी सीएम तक नप गए. अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया तक को जेल जाना पड़ा. दिल्ली शराब घोटाला केस 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति से जुड़ा है. इसे अरविंद केजरीवाल की सरकार ने लागू किया था. इस घोटाले में ईडी से लेकर सीबीआई केजरीवाल की उस वक्त की सरकार के पीछे पड़ी. ईडी ने अरविंद केजरीवाल को इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया. इसी मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया. कहा जाता है कि शराब घोटाले की वजह से ही दिल्ली की जनता का मोहभंग हुआ और नतीजा आज सबके सामने है.

About the Author

authorimg

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho…और पढ़ें

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho… और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
homenation

शराब यूं ही नहीं बदनाम…2 CM देख चुके हाथ लगाने का अंजाम, जानिए अब कौन परेशान

और पढ़ें

Credits To Live Hindustan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *