शादीशुदा हो या नाबालिग… अगर सहमति से बने रिलेशनशिप, 2 कोर्ट और 2 फैसले,समझें
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Legal News: ठाणे की POCSO कोर्ट ने 21 साल के युवक को जमानत दी, जबकि कोलकाता हाईकोर्ट ने शादीशुदा कपल के आपसी सहमति वाले अफेयर को अपराध नहीं माना.

ठाणे और कोलकाता कोर्ट के फैसले
हाइलाइट्स
- ठाणे कोर्ट ने 21 साल के युवक को जमानत दी.
- कोलकाता हाईकोर्ट ने शादीशुदा कपल के अफेयर को अपराध नहीं माना.
- दोनों मामलों में सहमति की परिभाषा पर अलग नजरिया दिखा.
ठाणे/कोलकाता: प्यार और कानून जब आमने-सामने आते हैं, तो सवाल खड़े होते हैं. क्या सहमति से बना रिश्ता हमेशा सही होता है? या फिर उम्र और शादी की स्थिति से फर्क पड़ता है? हाल ही में दो अलग-अलग अदालतों के फैसलों ने इस बहस को हवा दी है. एक मामला ठाणे से और दूसरा कोलकाता से सामने आया है. दोनों में सहमति की परिभाषा पर अलग नजरिया देखने को मिला.
ठाणे का मामला: क्या नाबालिग भी मैच्योर हो सकती है?
बता दें कि ठाणे की एक विशेष POCSO कोर्ट (Special POCSO Court) ने 21 साल के युवक को जमानत दी. उस पर 15 साल की लड़की को भगा ले जाने और शारीरिक संबंध बनाने का आरोप था. मामले में लड़की के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लड़की बाद में युवक के साथ मिली और बताया कि दोनों प्रेम में थे. उन्होंने 25 से 28 दिसंबर के बीच संबंध बनाए थे. कोर्ट ने माना कि लड़की नाबालिग होने के बावजूद मैच्योर है. मामले में जज डी. एस. देशमुख ने कहा, लड़की को अपने फैसले की समझ थी. जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है. इसलिए युवक को जेल में रखना जरूरी नहीं है.
कोलकाता केस: शादीशुदा लोग और आपसी सहमति
कोलकाता हाईकोर्ट ने एक शादीशुदा कपल के मामले में अहम टिप्पणी की. एक महिला ने अपने प्रेमी पर झूठे शादी के वादे से संबंध बनाने का आरोप लगाया था. दोनों पहले से शादीशुदा थे और दो साल से अफेयर में थे. जब महिला के पति को अफेयर का पता चला, उसने साथ रहने से इनकार कर दिया. इसके बाद महिला ने प्रेमी से शादी के लिए कहा. जब उसने इनकार किया, तो केस दर्ज हुआ. मामले में अब जज बिभास रंजन दे ने कहा कि दोनों बालिग हैं और शादीशुदा भी. ऐसे में उनका रिश्ता आपसी सहमति से था, धोखा नहीं. कोर्ट ने केस खारिज करते हुए कहा, ये अपराध की कैटेगरी में नहीं आता.
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