सावधान! भीषण गर्मी में बारिश की दस्तक, हफ्ते भर खूब बरसेंगे बदरा; बिहार से लेकर केरल तक अलर्ट

आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मॉनसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया था। इसमें ‘अल नीनो’ की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है।

मौसम फिर बिगड़ने वाला है। अगले कुछ दिनों में भारी बारिश और तूफानी हवाओं की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, 21 मई के आसपास अरब सागर में कर्नाटक तट के पास ऊपरी हवा का चक्रवाती सर्कुलेशन बन रहा है, जो 22 मई तक निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है। बंगाल की खाड़ी के पास दक्षिण आंध्र प्रदेश और उत्तर तमिलनाडु में चक्रवाती परिसंचरण मौजूद हैं, जो मौसम को प्रभावित करेंगे। इसके चलते दक्षिण भारत में अगले सात दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश होगी। गरज के साथ बौछारें और बिजली गिरने की आशंका है। इस दौरान 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाएं चल सकती हैं। केरल और कर्नाटक में भारी बारिश की आशंका है। तटीय कर्नाटक में 22, 25 और 26 मई को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। उत्तरी केरल में 20 मई को और कर्नाटक के तटीय व घाट क्षेत्रों में 20 और 21 मई को अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

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आईएमडी के मुताबिक, पूर्वोत्तर भारत में अगले सात दिनों तक व्यापक हल्की से मध्यम बारिश होने वाली है। अरुणाचल प्रदेश में 20, 22 और 26 मई को बदरा बरसेंगे। असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 20 से 26 मई तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। असम व मेघालय में 20 व 21 मई को बहुत भारी बारिश की संभावना है। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 20 से 23 मई तक बरसात हो सकती है। मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार में 20 से 24 मई तक अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश संभावित है। गोवा, महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 20 से 24 मई तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस दौरान 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाएं चलेंगी। गुजरात में 20 से 24 मई और सौराष्ट्र व कच्छ में 22 से 24 मई तक अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।

बेंगलुरु में लगातार हो रही बारिश से बुरा हाल

बेंगलुरु में पिछले 36 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण मंगलवार को भी जनजीवन प्रभावित रहा। जलमग्न सड़कों के बीच कई जगह यातायात बाधित हो गया जबकि राज्य में जल जनित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 हो गई। भारी बारिश के कारण शहर के साई लेआउट में एक द्वीप जैसी स्थिति बन गई। यहां घरों की निचली मंजिलें आधी डूब गई हैं, जिसके कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को करीब 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMB) ने साई लेआउट में लोगों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की। निवासियों ने शिकायत की है कि नगर निगम की एजेंसियों को साई लेआउट में रहने वाले लोगों की परेशानियों की कोई चिंता नहीं है। भारी बारिश के कारण शहर के हेनूर स्थित एक अनाथालय में भी पानी भर गया। अग्निशमन व बचाव विभाग ने आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर अनाथालय में मौजूद लोगों को बचाया।

मॉनसून के 4-5 दिनों में केरल पहुंचने की संभावना

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के अगले चार से पांच दिनों में केरल पहुंचने की संभावना है, जो मॉनसून के आने की 1 जून की सामान्य तिथि से पहले है। आईएमडी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि मॉनसून 27 मई तक केरल में दस्तक देगा। आंकड़ों के अनुसार, अगर मॉनसून उम्मीद के मुताबिक केरल पहुंचता है तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर सबसे जल्दी दस्तक देने वाला मॉनसून होगा। 2009 में मॉनसून 23 मई को आया था। आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून तक केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू हो जाता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। पिछले साल मॉनसून केरल में 30 मई को पहुंचा था, 2023 में यह आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल पहुंचा था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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