रेयर अर्थ मिनरल्स: चीन की दादागिरी अब नहीं चलेगी, भारत ने फ्रंट से किया लीड
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G-7 Summit: कनाडा में संपन्न हुए G-7 शिखर सम्मेलन में दुनिया की ताकतवर देशों ने शिरकत किया. समिट में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र भी कनाडा पहुंचे थे. यह सम्मेलन ऐसे समय में हुआ, जब एक इजरायल-ईरान…और पढ़ें

G-7 समिट में रेयर अर्थ मिनरल्स या क्रिटिकल मिनरल्स को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. (फोटो: एपी)
हाइलाइट्स
- G-7 समिट में रेयर अर्थ मिनरल्स को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है
- क्रिटिकल मिनरल्स एक्शन प्लान लॉन्च, चीन की मनमानी पर लगेगी रोक
- पार्टनरशिप के तहत इन्वेस्ट करने की प्लानिंग, भारत का रोल होगा अहम
G-7 Summit News: चीन ने पिछले तीन से चार दशकों में आर्थिक और सामरिक तौर पर खुद को काफी मजबूत किया है. अब उसके हर कदम को इंटरनेशनल लेवल पर असर पड़ता है. डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद टैरिफ वॉर छेड़ दिया. इससे पूरी दुनिया प्रभावित हुई. चीन पर भी इसका असर पड़ा. अमेरिका और चीन में तनाव काफी बढ़ गया. चीन ने जवाबी कदम के तौर पर रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) के एक्सपोर्ट पर नकेल कस दी. इससे अमेरिका पर व्यापक प्रभाव पड़ना शुरू हो गया. भारत भी इससे अछूता नहीं रहा. रेयर मैग्नेट की सप्लाई बाधित होने से ऑटो इंडस्ट्री पर इसका असर पड़ा. फिलहाल भारत और चीन के बीच इसकी आपूर्ति को लेकर बातचीत चल रही है. उधर, लंदन में रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई को लेकर अमेरिका और चीन के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई. कनाडा में संपन्न हुए G-7 की मीटिंग में भी यह मुद्दा उठा. G-7 के सदस्य देशों ने क्रिटिकल मिनरल्स एक्शन प्लान लॉन्च किया है, ताकि इस सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर इनोवेशन को आगे बढ़ाया जा सके. इसमें भारत की भूमिका काफी अहम है. इस एक्शन प्लान का उद्देश्य रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन की बादशाहत को खत्म करना है.
रेयर अर्थ मिनरल्स पर G-7
चीन के कदम का भारत का असर
चीन ने 4 अप्रैल 2025 को एक नियम बनाया था, जिसके अनुसार जो भी कंपनी मीडियम और हैवी अर्थ मैग्नेट को बाहर भेजना चाहती है, उसे पहले चीन के वाणिज्य विभाग से लाइसेंस लेना होगा. लाइसेंस लेने से पहले खरीदने वाली कंपनी से एक सर्टिफिकेट भी लेना होता है. इस सर्टिफिकेट में कुछ गारंटी देनी होती हैं. इन गारंटी में यह भी शामिल है कि वे इन चुंबकों का इस्तेमाल विनाशकारी हथियार बनाने में नहीं करेंगे. उन्हें यह भी बताना होगा कि इन चुंबकों का इस्तेमाल ऐसे हथियार बनाने में नहीं होगा, जिनसे पूरी दुनिया को खतरा हो. यह नियम डोनाल्ड ट्रंप के लगाए गए टैक्स के जवाब में आया था. रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति में देरी से भारत पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. भारतीय ऑटो इंडस्ट्री एक गंभीर चुनौती का सामना कर रही है, क्योंकि चीन से आने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई में देरी हो रही है. ये मैग्नेट इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और हाइब्रिड गाड़ियों के मोटर्स में अहम भूमिका निभाते हैं. अगर समय पर इनकी सप्लाई नहीं होगी, तो प्रोडक्शन शेड्यूल इसकी वजह से प्रभावित हो सकता है. भारत लगातार चीन से इस संबंध में बातचीत कर रहा है.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें
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