प्यार में टूटा है दिल तो झटपट जॉइन करें ये कोर्स, मूव ऑन करने में मिलेगी मदद

नई दिल्ली (Delhi University Unique Courses). दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2025-26 एकेडमिक सेशन से एक यूनीक और इनोवेटिव ऑल्टरनेट कोर्स शुरू किया है. इसका नाम ‘नेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप्स’ है. यह कोर्स स्टूडेंट्स को मॉडर्न युग में रिश्तों की कॉम्प्लेक्सिटी, खासकर प्यार, दोस्ती, दिल टूटने और रिश्तों में छिपे खतरों (रेड फ्लैग्स) को समझने और उनसे निपटने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. डीयू का यह यूनीक कोर्स सुर्खियों में है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी का सबसे यूनीक कोर्स
मौजूदा दौर में सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स और डिजिटल कम्युनिकेशन ने रिश्तों के डायनैमिक्स को काफी कॉम्प्लेक्स बना दिया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर नवीन कुमार के अनुसार, अब वर्किंग पेरेंट्स की संख्या बढ़ गई है और डिजिटल पेरेंटिंग का चलन भी आम हो गया है. लोग आज़ादी को तो समझते हैं, लेकिन इसकी सीमाओं से अनजान हैं. इस वजह से रिश्तों में तनाव, इमोशनल इनस्टेबिलिटी और कभी-कभी हिंसा की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. इसीलिए DU ने यह कोर्स शुरू करने का फैसला किया है.
डीयू के यूनीक कोर्स में क्या है?
टनेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप्स’ 4 क्रेडिट्स का ऑप्शनल कोर्स है. मनोविज्ञान विभाग का यह यूनीक कोर्स सभी स्नातक स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध होगा, चाहे वे किसी भी विषय की पढ़ाई कर रहे हों. यह कोर्स वीकली बेसिस पर होगा यानी हफ्ते में 3 लेक्चर्स होंगे और एक ट्यूटोरियल सेशन होगा. इस कोर्स में नीचे लिखे कॉन्सेप्ट कवर किए जाएंगे-
रेड फ्लैग्स की पहचान: रिश्तों में खतरे के संकेत, जैसे कंट्रोल, अपमान या इमोशनल अब्यूज़ को पहचानने की तकनीक सिखाई जाएगी.
डिजिटल युग का प्रभाव: सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स (जैसे टिंडर, बंबल) के प्रभाव को एनालाइज करना, जहां ऑनलाइन व्यवहार रिश्तों को कैसे प्रभावित करता है.
यह कोर्स मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों (Psychological Theories) को वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ जोड़ता है, जिससे स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल और थ्योरी, दोनों तरह की समझ हो.
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