पहलगाम तक कैसे पहुंचे थे आतंकी? पाकिस्तान बॉर्डर तक पहुंची NIA की जांच

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Pahalgam Terror Attack Latest Update: एनआईए पहलगाम के बैसरन घाटी आतंकी हमले की जांच में जुटी है, जिसमें 27 पर्यटकों का नरसंहार कर दिया गया था. एजेंसी भारत-पाक बॉर्डर के संवेदनशील इलाकों में जांच करेगी, जहां से …और पढ़ें

पहलगाम तक कैसे पहुंचे थे आतंकी? पाकिस्तान बॉर्डर तक पहुंची NIA की जांच

पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जांच में अब पाकिस्तान से सटे नियंत्रण रेखा तक पहुंच गई है. (PTI फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • पहलगाम आतंकी हमले की जांच में जुटी NIA
  • भारत-पाक सीमा पर सुरंगों की जांच करेगी NIA
  • 27 पर्यटकों के नरसंहार की जांच में जुटी एजेंसी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि एनआईए की टीम जल्द ही भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के संवेदनशील इलाकों में पहुंच सकती है, जहां से आतंकियों की घुसपैठ की आशंका जताई जा रही है. इन इलाकों में माछिल, केरन, नौगाम, बारामूला, और ऊरी जैसे संभावित घुसपैठ पॉइंट्स शामिल हैं. इसके साथ ही, एनआईए उन सुरंगों की भी जांच कर रही है, जिसे लेकर माना जा रहा है कि आतंकियों ने भारत में घुसने के लिए इसे खोदा होगा.

एनआईए सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों ने बॉर्डर पार करने के लिए सुरंगों का इस्तेमाल किया हो सकता है. एजेंसी ने भारत-पाक सीमा पर कुछ संदिग्ध पॉइंट्स को चिह्नित किया है, जिनमें माछिल, केरन, नौगाम, बारामूला, और ऊरी शामिल हैं. इन इलाकों में आतंकियों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए एनआईए की टीम जल्द ही यहां जांच शुरू कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि संभावित सुरंगों की तलाश और घुसपैठ के रास्तों की पहचान जल्द की जा सकती है.

हर पहलू की जांच में जुटी NIA
पहलगाम हमले की जांच में एनआईए हर पहलू को बारीकी से देख रही है. इसमें टेक्निकल और फॉरेंसिक जांच भी शामिल है. एनआईए ने पहले ही बैसरन घाटी में कई सबूत जुटाए हैं, और अब जांच का दायरा भारत-पाक सीमा तक बढ़ाया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, हमले में शामिल आतंकियों के रास्तों और उनके समर्थकों की पहचान के लिए एनआईए दिन-रात काम कर रही है. हाल ही में कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, और पुलवामा में 100 से ज्यादा आतंक समर्थकों को हिरासत में लिया गया था, जो इस जांच का हिस्सा है.

पाकिस्तान लंबे समय से आतंकियों की घुसपैठ के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करता रहा है. जम्मू कश्मीर के बॉर्डर वाले इलाकों में पहले भी ऐसी कई सुरंगें मिली थीं, जिन्हें पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों ने मिलकर बनाया था. एनआईए को शक है कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी भी ऐसी ही किसी सुरंग से भारत में दाखिल हुए होंगे.

आतंकियों ने 27 हिन्दू पर्यटकों का किया नरसंहार
याद दिला दें कि पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने आतंकी हमला किया था, जिसमें 27 लोग मारे गए थे. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को ठंडे बस्ते में डाल दिया, और सेना को जवाबी कार्रवाई की खुली छूट दी गई. उधर एनआईए भी इस हमले की जांच में पुरजोर तरीके से जुटी है और अब तक उसे कई अहम सुराग मिले हैं.

एनआईए की जांच का मुख्य मकसद हमले की हर कड़ी को जोड़ना है. एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आतंकी कोकेरनाग के जंगलों से बैसरन घाटी तक कैसे पहुंचे और उनके स्थानीय समर्थक कौन थे. बैसरन घाटी में पहले ही खच्चर वालों से पूछताछ की जा चुकी है और अब बॉर्डर इलाकों पर नजर है.

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