पाकिस्तान ने कितने ड्रोन भेजे? डीजी एयर डिफेंस ने पहली बार बताया
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इंडियन एयरफोर्स के एयर डिफेंस के डायरेक्टर जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर की वो बातें बताई हैं, जिनके बारे में बहुत जानकारी नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि इंडियन आर्मी ने किस तरह पाकिस्तान क…और पढ़ें

डीजी एयर डिफेंस ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से कितने ड्रोन आए.
हाइलाइट्स
- पाकिस्तान ने 4 दिनों में 800-1000 ड्रोन भेजे.
- भारतीय सेना ने सभी ड्रोन को मार गिराया.
- ड्रोन हमलों से कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी के बाद सबके मन में एक ही सवाल है कि पाकिस्तान ने भारत में कितने ड्रोन भेजे? कितनी मिसाइलें गिराईं? भारत का कितना नुकसान हुआ? अब इन सबका जवाब इंडियन एयरफोर्स के एयर डिफेंस के डायरेक्टर जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने दिया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने वेस्टर्न बॉर्डर पर चार दिनों में 800 से 1000 ड्रोन भेजे, लेकिन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स ने एक साथ मिलकर सबको मार गिराया.
डीजी एयर डिफेंस ने कहा, मैं बड़े गर्व से कहूंगा कि चार दिनों तक जितने भी ड्रोन और मिसाइलें आईं, हमने लगभग सभी को मार गिराया. एक बात तो तय है कि सभी यूएवी यानी ड्रोन भारी पेलोड लेकर आ रहे थे. इनका मकसद हमारी नागरिक आबादी को नुकसान पहुंचाना था. उन्हें इसी मकसद के साथ टारगेट करके भेजा गया था. वे लोगों के बीच जाकर फटने वाले थे, लेकिन हमने हवा में ही उन्हें नष्ट कर दिया. इनकी वजह से न तो कोई नागरिक हताहत हुआ और न ही संपत्ति का कोई नुकसान हुआ.
हमने खतरे को भांप लिया था
डीजी एयर डिफेंस ने कहा, हम जानते थे कि वे सैन्य ठिकानों पर नहीं, बल्कि नागरिक इलाकों पर हमला कर सकते हैं ताकि भ्रम और अराजकता फैले. हमने इसे पहले ही भांप लिया था. ड्रोन हमलों से निपटने के लिए थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाया. पहली बार गोल्डन टेम्पल जैसे संवेदनशील स्थलों पर भी एयर डिफेंस तैनात किया गया था. हेड ग्रंथी ने खुद सेना को मदद दी और मंदिर की लाइटें बुझाकर ड्रोन ट्रैकिंग में सहायता की.
क्यों है यह बड़ी बात?
यह पहली बार है जब भारत ने एक ही समय पर इतनी बड़ी संख्या में ड्रोन हमलों को पूरी तरह नाकाम किया है, वो भी बिना किसी नुकसान के ऐसा करने में सफल रहे. इससे भारतीय सशस्त्र बलों की तकनीकी दक्षता और रणनीतिक तैयारियों की ताकत पूरी दुनिया के सामने आ गई है. सेना आमतौर पर युद्ध क्षेत्र में डिफेंस का काम देखती है, जबकि एयरफोर्स शहरों और रिफाइनरियों की रक्षा करती है. उन्होंने कहा, अब हमारे पास ड्रोन का समय से पता लगाने और उन्हें तुरंत हवा में ही मार गिराने की क्षमता है.
चार लेयर में सिक्योरिटी
एयरफोर्स के एयर डिफेंस के डायरेक्टर जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने कहा, पहली लेयर में दो किलोमीटर रेंज वाली तोपें लगाई गई थीं. इसके बाद लगभग तीन किलोमीटर रेंज वाली डिफेंस गन वी शोर्ड तैनात थी. फिर 10 किलोमीटर की दूरी वाली मिसाइलें लगाई गई थीं. फिर 18 किलोमीटर दूरी वाली आकाश मिसाइलें तैनात थीं. एस 400 तो हमारी सुरक्षा का अभेद कवच है ही.
पाक ने चली चाल लेकिन हो गए फेल
डीजी एयर डिफेंस ने कहा, कई ड्रोन काफी नीचे उड़ाए जा रहे थे ताकि हमारे गनर भ्रमित हो जाएं और हमारे रडार उन्हें डिकोड न कर पाएं. लेकिन ये ड्रोन हमारी तोपों की रेंज में थे. इसलिए उन्हें तुरंत मार गिराया गया. जैसे ही वे तोपों से बचकर 2 किलोमीटर से ऊपर की ओर जाते थे, वहां हमारे जैमर और इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर ने उन्हें ध्वस्त कर दिया. खतरों से निपटने के लिए जैमिंग, साइबर स्पूफिंग और यहां तक साइबर टेकओवर जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया.
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Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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