ऑपरेशन सिंदूर ने कैसे ‘इंडिया अलांयस’ के अस्तित्व को ही ही खतरे में डाल दिया?
Last Updated:
पहलगाम के आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इसका सभी विपक्षी दलों ने भी एक स्वर से समर्थन किया. इससे इंडिया अलायंस का अस्तित्व ही खतरे में दिखने लगा है.

ऑपरेशन सिंदूर ने ‘इंडिया’ अलायंस के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है.(Image:PTI)
हाइलाइट्स
- भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया.
- सभी विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया.
- ऑपरेशन सिंदूर से इंडिया अलायंस का अस्तित्व खतरे में.
नई दिल्ली. जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के जवाब में केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया. इसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का काम किया गया. इससे पाकिस्तान बौखला गया. उसने गुरुवार की रात को भारत के 15 शहरों पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया. भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी को हवा में ही तबाह कर दिया. मगर ऑपरेशन सिंदूर पर देश में भी राजनीति तेज हो गई है. देश में सभी राजनीतिक दलों ने ऑपरेशन सिंदूर का एक स्वर से समर्थन किया है.
ऑपरेशन सिंदूर से पहले कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने पहलगाम टेरर अटैक का जोरदार बदला लेने की मांग की थी. इनमें समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेता शामिल थे. कांग्रेस के यूपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय तो सबसे आगे बढ़ गए. उन्होंने एक खिलौना राफेल प्लेन पर नींबू- मिर्च लगाकर प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि सरकार राफेल फाइटर जेट को क्या केवल 26 जनवरी को नुमाइश में दिखाने के लिए खरीद कर लाई है. इससे सरकार पर पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने का दबाव बढ़ने लगा था.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 जगहों पर आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद देश में खुशी का माहौल देखा गया. सभी राजनीति दलों ने एक स्वर से इसका समर्थन किया. ममता बनर्जी से लेकर ओवैसी तक ने ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया. जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले एक विवादित बयान दिया कि पहलगाम हमले के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी को पहले से ही खुफिया जानकारी थी.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में भगदड़, नवाज ने शहबाज को कहा- भाई, डिप्लोमेसी से मामला संभालो
फिलहाल इस मामले में कांग्रेस अकेली दिखी. जम्मू- कश्मीर में सत्ता में काबिज नेशनल कांफ्रेंस के नेता और सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी आतंकियों को कड़ी सजा दिए जाने का समर्थन किया. इससे साफ है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया अलायंस’ में शामिल दलों के नेता भी आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. इससे पहलगाम हमले पर सरकार को घेरने का कांग्रेस का मंसूबा अधूरा ही रह गया.
About the Author
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in … और पढ़ें
और पढ़ें
Credits To Live Hindustan