ऑपरेशन सिंदूर के ‘हीरो’ DGMO राजीव घई को ‘उत्तम युद्ध सेवा पदक’, देखें VIDEO

नई दिल्ली: दुनिया के सामने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का चेहरा रहे लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘उत्तम युद्ध सेवा पदक’ से सम्मानित किया है. वह भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) हैं. यह सम्मान उन्हें 2025 की डिफेंस इन्वेस्टिचर सेरेमनी (फेज-2) के दौरान दिया गया.
11 मई को एक उच्चस्तरीय प्रेस ब्रीफिंग में DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पहली बार मीडिया के सामने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, उसके लक्ष्यों और परिणामों का खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान के भीतर स्थित आतंकवादी ढांचों, खासतौर पर लश्कर-ए-तैयबा के मुरिदके जैसे ठिकानों पर केंद्रित था.
उनका कहना था कि भारतीय सेना ने सटीक स्ट्राइक्स के जरिए आतंकी ढांचों को भारी नुकसान पहुंचाया. इस दौरान पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन, ड्रोन हमले और नागरिक इलाकों पर गोलाबारी की गई, जिसका सख्ती से जवाब दिया गया.
#WATCH | Delhi: President Droupadi Murmu presented Uttam Yudh Seva Medal to DGMO Lieutenant General Rajiv Ghai during Defence Investiture Ceremony 2025 (Phase-II). pic.twitter.com/6J6zOPcwuz
— ANI (@ANI) June 5, 2025
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई : 33 साल की सेवा का अनुभव
वे चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी रह चुके हैं, जो कश्मीर में सेना की सबसे अहम तैनाती है. वहां उन्होंने सैन्य बलों, सिविल प्रशासन और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय बढ़ाकर आतंकवाद के खिलाफ सशक्त नीति अपनाई.
लेफ्टिनेंट जनरल घई को पहले भी ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ (AVSM) और ‘सेना मेडल’ (SM) जैसे सैन्य सम्मान मिल चुके हैं. लेकिन ‘उत्तम युद्ध सेवा पदक’ उन्हें ऑपरेशन सिंदूर जैसी जटिल सैन्य रणनीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्रदान किया गया है.
उनका ऑपरेशनल अनुभव पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं, दोनों में गहराई से रहा है. उन्होंने सेना मुख्यालय में मिलिट्री ऑपरेशंस निदेशालय में ब्रिगेडियर के रूप में और काउंटर-इंसर्जेंसी डिवीजन में कर्नल जनरल स्टाफ के रूप में भी सेवा दी है.
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