ऑपरेशन सिंदूर: डिप्लोमैसी, ताकत और टाइमिंग का ट्रिपल प्रहार, पाक बुरा फंस गया
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भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के जरिये जवाबी कार्रवाई की है. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार संदेह के दायरे में जी रहा है. उसका संशय इस बात को लेकर है कि वो भारत के हमले का जवाब दे या…और पढ़ें

भारत ने पाकिस्तान के लिए हमलों का सैन्य जवाब देना मुश्किल बना दिया. (Image:PTI)
हाइलाइट्स
- भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया.
- भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया.
- भारत ने कई देशों को आतंकी हमले की जानकारी दी.
नई दिल्ली. भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में आज पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ जगहों पर हमला किया. पहलगाम पर आतंकी हमले के जवाब में 26 लोग मारे गए थे. लेकिन भारत ने पाकिस्तान को घेर लिया है. आतंकी हमले के बाद भारत ने तुरंत देशों से संपर्क करना शुरू कर दिया. भारत सरकार ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस सहित लगभग आधा दर्जन देशों को आतंकी हमले की जानकारी दी. इन देशों के नेता पिछले कुछ हफ्तों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संपर्क में हैं. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्यों से बात की.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ब्रिटेन के एनएसए जोनाथन पॉवेल, सऊदी एनएसए मुसैद अल ऐबन, यूएई के एनएसए एचएच शेख तहनून और यूएई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के महासचिव अली अल शम्सी, जापानी एनएसए मासाटाका ओकानो, रूसी एनएसए सर्गेई शोइगु, चीनी विदेश मंत्री वांग यी और फ्रांसीसी राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोने से बात की.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 13 सदस्य देशों के राजनयिकों को भी जानकारी दी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दुनिया भर के विदेश मंत्रियों के साथ कई फोन कॉल की. भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया था.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया. इस तरह नई दिल्ली की कार्रवाई ने भारत में इस्लामाबाद के लिए ‘लक्ष्यों’ के विकल्प को सीमित कर दिया है.
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Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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