नन्हीं जान से हैवानियत पर डॉक्टर भी हैरान, मांग रहे सलामती की दुआएं

Kanpur News – कानपुर, प्रमुख संवाददाता उम्र तीन साल पर घाव ऐसे कि देखने वालों की रूह

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरSat, 7 June 2025 12:48 PM
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नन्हीं जान से हैवानियत पर डॉक्टर भी हैरान, मांग रहे सलामती की दुआएं

कानपुर, प्रमुख संवाददाता उम्र तीन साल पर घाव ऐसे कि देखने वालों की रूह कांप रही है। हैवानियत की हद तक जुल्म झेल चुकी यह मासूम जिंदा रहना चाहती है, इसलिए इतनी बर्बरता के बाद भी मौत से संघर्ष कर रही है। 48 घंटे गुजरने के बाद भी बच्ची की हालत में कोई खास सुधार नहीं होने से डॉक्टर चितिंत हैं पर उसे बचाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इलाज संग सलामती के लिए प्रार्थनाएं भी कर रहे हैं। लगभग 125 किमी दूर बांदा के एक गांव में पड़ोसी की दरिदंगी की शिकार नन्हीं जान की जिंदगी बचाने की पुरजोर कोशिश हैलट में हो रही है।

फिलहाल शुक्रवार देर शाम तक बच्ची की हालत में खास सुधार नहीं हुआ। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आरके मौर्या के अनुसार, बच्ची के साथ हैवानियत में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। बुधवार शाम को जब बच्ची को यहां लाया गया तो वह बेहोशी हालत में थी। ऑक्सीजन स्तर लगातार कम होने के कारण वह कोमा में चली गई। तीन विभागों के विशेषज्ञों की टीम बचाने में जुटी बांदा की इस मासूम की जिंदगी बचाने में हैलट के डॉक्टर कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गायनी विभाग की डॉ श्रुति गुप्ता की देखरेख में उसका इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ एसके गौतम, पीडियाट्रिक सर्जन डॉ राकेश त्रिपाठी भी टीम के साथ उसके इलाज में लगे हैं। बारी-बारी से सभी उसकी देखरेख कर रहे हैं। पूरे शरीर में खरोंच के अगिनत निशान डॉ एसके गौतम के अनुसार, बच्ची को जब यह लाया गया तब उसकी हालत देखकर हैरान रह गए। उसके नाजुक अंग पूरी तरह ड्रैमेज हो चुके थे। इससे संक्रमण फैलने की आशंका है। वहीं गले व शरीर के कई हिस्सों में खरोंच के निशान मिले। हाथ-पैर में सूजन भी ज्यादा थी। इन घावों की वजह से उसकी हालत सामान्य होने में समय लग रहा है। कोमा में भी चौंक रही है बच्ची बच्ची के इलाज में जुटे डॉक्टरों का कहना है कि कोमा में होने के बावजूद वह सदमे से सहमी है। इसी वजह से वह बेहोशी के दौरान बीच-बीच में झटके मार रही है। दुष्कर्म के साथ उसको जान से मारने का भी प्रयास किया गया। प्राचार्य डॉ संजय काला के अनुसार, बच्ची के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बच्ची का इलाज तीन विभागों के विशेषज्ञों की देखरेख में हो रहा है। मैं खुद उसकी हालत का अपडेट ले रहा हूं।