निकाल लिया PF का पैसा और खाता बंद, पर कैसे मिलेगी पेंशन फंड की रकम

EPF Rule : प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले ज्‍यादातर कर्मचारी अपनी जॉब बदलने या कॉरपोरेट सेक्‍टर छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करने पर कर्मचारी भविष्‍य निधि यानी ईपीएफ में जमा पैसा तो निकाल लेते हैं, लेकिन इनमें से ज्‍यादातर लोगों को पेंशन फंड में जमा रकम के बारे में नहीं पता होता. ईपीएस यानी कर्मचारी पेंशन स्‍कीम में जमा रकम को आखिर कब और कैसे निकाला जा सकता है, इसके बारे में आज भी ज्‍यादातर लोगों को नहीं पता है.

दरअसल, नौकरी बदलने वाले और संगठित क्षेत्र छोड़ने वाले कर्मचारी अपने भविष्य निधि (EPF) बैलेंस को निकाल लेते हैं और सोचते हैं कि उन्होंने अपने रिटायरमेंट फंड का अध्याय बंद कर दिया है. उन्हें यह पता नहीं होता कि EPF निकासी के बाद भी पेंशन घटक यानी कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) अपने आप बंद नहीं होती और न ही इसमें जमा रकम आपको मिलती है. इसे आपकी वर्किंग हिस्‍ट्री के आधार पर गणना करके निकाला जा सकता है.

क्‍या है ईपीएस और ईपीएफ
जब नियोक्ता और आप दोनों EPF में योगदान करते हैं, तो नियोक्ता के योगदान का एक हिस्सा EPS में जाता है. EPF का हिस्सा ब्याज कमाता है और इसे निकाला जा सकता है, जबकि EPS का हिस्सा आपकी पेंशन के लिए होता है और इस पर ब्याज नहीं मिलता. इसे केवल 10 साल की सेवा के बाद और 58 साल की उम्र पूरी करने पर ही पूरी पेंशन के लिए निकाला जा सकता है. अगर आप 10 साल पूरे करने से पहले PF निकालते हैं, तो आपका EPS योगदान तब तक नहीं निकाला जाता जब तक आप इसे निकालने के लिए विशेष रूप से फॉर्म 10C नहीं भरते.

10 साल से कम है सर्विस तो…
जिन लोगों की 10 साल से अधिक की सेवा है, उनके EPS योगदान से उन्हें पेंशन का हक मिलता है, भले ही उन्होंने अपना EPF निकाल लिया हो. आपको 58 साल की उम्र पूरी करने पर पेंशन के लिए अलग से फॉर्म 10D भरकर आवेदन करना होगा. अधिकांश मामलों में कर्मचारी अपनी सेवा के पांच या छह साल बाद पीएफ निकालते समय अनजाने में अपने ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) के हिस्से को छोड़ देते हैं. चूंकि, ईपीएस स्वचालित रूप से आपके बैंक खाते में नहीं आता और इस पर ब्याज भी नहीं मिलता, इसलिए इसे ध्यान में नहीं रखा जाता.

मिटते नहीं इसके रिकॉर्ड
ईपीएस रिकॉर्ड मिटाए नहीं जाते. यहां तक कि जब आप अपना पीएफ निकाल लेते हैं, तब भी ईपीएस रिकॉर्ड ईपीएफओ के पास रहता है, जो आपके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जुड़ा होता है. इसका मतलब है कि आप अपने ईपीएस सेवा रिकॉर्ड की जांच कर सकते हैं. यह भी देख सकते हैं कि आपका ईपीएस बैलेंस सुरक्षित है या नहीं. इससे भविष्य में पेंशन का लाभ उठा सकते हैं और ईपीएस सेवा रिकॉर्ड को नए नियोक्ता के पास ट्रांसफर कर सकते हैं.

अपने ईपीएस की स्थिति कैसे जांचें
भले ही आपने अपना पीएफ निकाल लिया हो, फिर भी आप अपने यूएएन के साथ ईपीएफओ सदस्य पोर्टल में लॉगिन कर सकते हैं और अपनी सेवा का रिकॉर्ड देख सकते हैं. अपना ईपीएस जानने के लिए आप निम्‍न प्रक्रिया को फॉलो करें.
  • अपने पासवर्ड और यूएएन के साथ लॉगिन करें.
  • ‘व्यू’ सेक्शन में जाएं और ‘सर्विस हिस्ट्री’ पर क्लिक करें.
  • आपको अपनी सर्विस हिस्‍ट्री दिखेगी, जिसमें ईपीएस योगदान रिकॉर्ड भी शामिल है.
  • 10 साल से कम सर्विस है तो…
    यदि आपकी कुल सेवा 10 साल से कम थी और आपने पीएफ निकाल लिया है लेकिन ईपीएस नहीं, तो आप फॉर्म 10सी के माध्यम से अपने ईपीएस योगदान की वापसी के लिए आवेदन कर सकते हैं. आप इस फॉर्म को ईपीएफओ वेबसाइट से ले सकते हैं और यदि आपका आधार लिंक है और पूरा केवाईसी है तो इसे ऑनलाइन जमा कर सकते हैं. यदि आप अपने यूएएन या पिछले पीएफ विवरण से अनजान हैं, तो भी इसे ईपीएफओ की साइट से प्राप्‍त कर सकते हैं. आपका पीएफ निकालने का मतलब यह नहीं है कि आपका ईपीएस खो गया है. इसे प्राप्‍त करने के लिए आप आज भी पूरी तरह हकदार हैं.

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