नीतीश कुमार और ललन सिंह में 15 मिनट की मुलाकात… NDA के लिए अलार्म तो नहीं?
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Bihar Chunav: बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा आम है कि सीएम नीतीश कुमार, ललन सिंह को सीएम हाउस बुला भी सकते थे. आखिर ललन सिंह से मिलने नीतीश कुमार सुबह-सुबह उनके आवास पर क्यों चले गए? क्या एनडीए में सीटों के …और पढ़ें

ललन सिंह और नीतीश कुमार के बीच क्या बातचीत हुई?
हाइलाइट्स
- नीतीश कुमार और ललन सिंह की 15 मिनट की मुलाकात चर्चा में.
- मुलाकात का मकसद एनडीए की एकजुटता और रैली की तैयारी.
- नीतीश की रणनीति बीजेपी पर दबाव बनाने की.
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासी हलचल में अचानक से तेजी आ गई है. लालू यादव दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज हो गए हैं और चुनाव को देखते हुए वह बहुत जल्द ही पटना पहुंच सकते हैं. दूसरी राजनीतिक घटना में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की महत्वाकांक्षाएं सामने आई हैं. संसद में वक्फ बिल पर समर्थन करने पर जेडीयू के भीतर संग्राम मचा हुआ है और एक के बाद एक मुस्लिम नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. इतने सारे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच नीतीश कुमार का अचानक से केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से मिलने उनके घर पहुंचना क्या संकेत देता है?
बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा आम है कि सीएम नीतीश कुमार, ललन सिंह को सीएम हाउस बुला भी सकते थे. आखिर ललन सिंह से मिलने नीतीश कुमार सुबह-सुबह उनके आवास पर क्यों चले गए? बता दें कि 19 अप्रैल 2025 को जब खबर आई कि नीतीश कुमार केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह से मिलने उनके आवास पहुंचे हैं तो इसके राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे. दोनों की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मधुबनी में पंचायती राज दिवस के अवसर पर रैली में आने वाले हैं. दूसरी तरफ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां भी जोरों पर हैं. ऐसे में इस मुलाकात पर पटना में 24 घंटे के बाद भी अटकलों का बाजार गर्म है.
नीतीश कुमार किसी संशय में हैं?
दोनों की मुलाकात तकरीबन 15 मिनट तक चली. क्योंकि, ललन सिंह मधुबनी रैली के आयोजन के मुख्य आयोजक हैं और नीतीश कुमार भी चाहते हैं कि यह रैली एनडीए की एकजुटता और ताकत का प्रतीक बने. हालांकि, इस मुलाकात को केवल रैली की तैयारी तक सीमित करना राजनीतिक विश्लेषकों को पच नहीं रहा है. कुछ राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह मुलाकात जेडीयू के भीतर चल रही अंदरूनी भगदड़ और आने वाले चुनाव की रणनीति से जुड़ी है. साथ ही हाल के सर्वे रिपोर्ट में नीतीश कुमार की लोकप्रियता में कमी और तेजस्वी यादव की बढ़त भी मुलाकात का एजेंडा हो सकता है.
क्या एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान है?
सोशल मीडिया पर पिछले दिनों नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच कुछ तनाव की भी खबरें सामने आई थीं. इस मुलाकात को नीतीश द्वारा ललन सिंह के साथ रिश्तों को मजबूत करने और पार्टी में एकता का संदेश देने की कोशिश माना जा रहा है. ललन सिंह, जो भूमिहार समुदाय का प्रमुख चेहरा हैं, मिथिलांचल और पूर्वी बिहार में जेडीयू के लिए महत्वपूर्ण हैं. साथ ही नीतीश कुमार इस मुलाकात के जरिए पार्टी में भगदड़ को रोकना चाहते हैं.
कुल मिलाकर नीतीश और ललन सिंह की मुलाकात में मिथिलांचल के 10 जिलों से भारी भीड़ जुटाने और एनडीए की एकजुटता दिखाने की रणनीति पर चर्चा हुई होगी. ललन सिंह ने पहले ही दावा किया है कि एनडीए नीतीश के नेतृत्व में 225 से अधिक सीटें जीतेगा और वही सीएम बनेंगे. ऐसे में कुछ लोग इसे नीतीश की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें वे बीजेपी को दबाव में रखकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं. नीतीश इस मुलाकात के जरिए जेडीयू को एकजुट दिखाना चाहते हैं, ताकि बीजेपी के साथ सीट बंटवारे की बातचीत में उनकी स्थिति मजबूत रहे. नीतीश बीजेपी को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे बिना उनकी सहमति के सीएम चेहरा तय नहीं कर सकती. ललन सिंह भी बार-बार नीतीश के नेतृत्व की वकालत कर रहे हैं.
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