नाक की अनसुनी सर्जरी ने दिलाया नाम! लिम्का बुक में पहुंचे राजकोट के डॉक्टर
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Rajkot Himanshu Thakkar Limca Book: डॉ. हिमांशु ठक्कर ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 में “मेडिकल मार्वल” विभाग में स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने 8 सेमी × 2.5 सेमी का नाक का पोलिप हटाकर यह उपलब्धि हासिल की.

हाइलाइट्स
- डॉ. हिमांशु ठक्कर ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त किया.
- उन्होंने 8 सेमी × 2.5 सेमी का नाक का पोलिप हटाया.
- डॉ. ठक्कर 23 वर्षों से ईएनटी सर्जन के रूप में सेवा दे रहे हैं.
राजकोट: शहर के प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन डॉ. हिमांशु ठक्कर का नाम विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हो गया है. उन्होंने 2025 की लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त किया है. डॉ. हिमांशु ठक्कर ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें से कुछ मामलों में बच्चों को नया जीवन मिला है. उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों का मुफ्त में इलाज किया है.
बता दें कि डॉ. ठक्कर का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 के “मेडिकल मार्वल” विभाग में “सबसे बड़ा नाक का पोलिप हटाने” के लिए शामिल किया गया है. यह रिकॉर्ड पुस्तक भारत में हर साल प्रकाशित होती है और इसमें भारतीयों द्वारा बनाए गए विश्व रिकॉर्ड शामिल होते हैं.
नाक से बड़ा पोलिप हटाने में मिली सफलता
लोकल 18 से बात करते हुए डॉ. हिमांशु ठक्कर ने बताया, “विश्वप्रसिद्ध लिम्का बुक में स्थान पाना मेरे लिए गर्व, सम्मान और खुशी की बात है. कुछ समय पहले राजकोट के 55 वर्षीय लालीभाई वाघेला नामक व्यक्ति हमारे पास आए थे. उन्हें 6 महीने से नाक बंद रहना, सर्दी, खांसी और कफ जैसे लक्षण थे. सीटी स्कैन में बड़ा पोलिप देखा गया था. नाक से 8 सेमी × 2.5 सेमी का नाक का पोलिप दूरबीन द्वारा सुरक्षित रूप से हटाया गया. मरीज को बिना किसी जटिलता के उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया गया. इस अनोखी सफलता के लिए मेरा नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 में शामिल किया गया है, जो राजकोट और गुजरात के लिए गर्व की बात है.”
23 वर्षों से सर्जन के रूप में सेवा दे रहे हैं
डॉ. ठक्कर पिछले 23 वर्षों से ईएनटी सर्जन के रूप में सेवा दे रहे हैं और राजकोट के विद्यानगर मेन रोड पर अपनी अस्पताल चलाते हैं. पहले भी उन्होंने छोटे बच्चों की श्वासनली और अन्ननली में फंसी चीजें हटाकर कई मासूम बच्चों को नया जीवन दिया है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2023 में भी उनका नाम शामिल हुआ था, जिसमें उन्होंने सात साल की बच्ची की श्वासनली में फंसी प्लास्टिक की सीटी हटाकर बच्ची को नया जीवन दिया था.
डॉ. ठक्कर को IMA नेशनल अवार्ड 2013 और आईएमए मेडअचीवर्स अवार्ड 2014 में सम्मानित किया गया है. उन्हें राजामुंद्री, आंध्र प्रदेश और ताज पैलेस होटल, दिल्ली में सम्मानित किया गया है. वे पूर्व सचिव इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजकोट, पूर्व अध्यक्ष ईएनटी सोसाइटी ऑफ राजकोट और अन्य संस्थाओं से जुड़े हैं. डॉ. हिमांशु ठक्कर कई सेवाकीय संस्थाओं में भी सक्रिय हैं और हमेशा जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनकी उपलब्धि के लिए उन्हें मित्र मंडली से बधाइयां मिल रही हैं.
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