न इनकार, न इजहार…उद्धव-राज ठाकरे की साथ वाली तस्वीर से महाराष्ट्र में हलचल
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Maharashtra Brother Politics: महाराष्ट्र में इन दिनों दो खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं. एक तरफ चाचा-भतीजा के फिर से एक छतरी के नीचे आने की चर्चा हो रही है तो दूसरी तरफ ठाकरे बंधुओं को लेकर भी राजनीति का …और पढ़ें

उद्धव और राज ठाकरे के एक साथ आने की चर्चाएं फिर से जोर पकड़ने लगी हैं. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
- शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना के फ्रंट पेज पर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ
- महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से गर्माई चचेरे भाइयों के एक होने की चर्चा
- दोनों पक्षों की ओर से अभी तक इसपर ठोस पहल अभी तक नहीं हुई, पर सुगबुगाहट
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा के साथ ही लोकसभा के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण प्रदेश है. पिछले कुछ साल में यहां की राजनीति में कई बदलाव आए हैं. दो शक्तिशाली राजनीतिक घरानों के उत्तराधिकारियों के बीच महत्वाकांक्षाओं ने अंगराई ली और फिर दरारें स्पष्ट हो गईं. कटुता इतनी बढ़ी कि परिवार के साथ ही राजनीतिक दलों में भी बंटवारा हो गया. आपने ठीक समझा! बात हो रही है पवार और ठाकरे परिवार की. एक तरफ अजित पवार चाचा शरद पवार की छांव से अलग हो गए. उन्होंने विधायकों के संख्या बल के दम पर एनसीपी पर भी कब्जा लिया. वहीं, ठाकरे परिवार में टूट हो गई. राज ठाकरे ने खुद को अलग कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम से नई पार्टी का गठन कर लिया. अब पिछले कुछ महीनों से दोनों घरानों में एका की बात होने लगी है. खासकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच की संभावित एकता को लेकर चर्चाएं काफी आम हो चुकी हैं. अब शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ के फ्रंट पेज पर उद्धव और राज ठाकरे की एक साथ वाली तस्वीर छापी गई है. खबर का शीर्षक है – महाराष्ट्र के मन में जो है वही होगा!
सामना के फ्रंट पेज पर उद्धव और राज ठाकरे की एक साथ वाली तस्वीर छपी है.
न इनकार, न इजहार
राज ठाकरे की पार्टी का पक्ष
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के वरिष्ठ नेता संदीप देशपांडे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की चर्चाओं पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मनसे कोई संदेश देने के बजाय सीधी बात रखेगी. संदीप देशपांडे ने कहा कि साल 2014 और 2017 में मनसे ने शिवसेना (उद्धव गुट) को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर स्वयं मातोश्री गए थे, लेकिन मुलाकात तक नहीं हो सकी. शिवसेना के कुछ नेता बयानबाज़ी कर रहे हैं, लेकिन असल में वे सिर्फ ट्रेडमिल पर दौड़ लगा रहे हैं, आगे नहीं बढ़ रहे. अगर वाकई गठबंधन करना है, तो खुले तौर पर बात करें, पजल मत बनाएं. देशपांडे ने आगे कहा, ‘लोग पहले भी चाहते थे कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आएं, चाहे लोकसभा हो या विधानसभा. लेकिन, जब हमने कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला. अब अगर कुछ ठोस होगा, तो हम देखेंगे कि क्या सामने आता है.’ उन्होंने आगे कहा कि राज ठाकरे की शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं से व्यक्तिगत दोस्ती है, वे चाय पर मिलते हैं और एक-दूसरे के घर भी जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई राजनीतिक रिश्तेदारी बन रही है. यह सिर्फ दोस्ती है, इससे ज्यादा कुछ नहीं.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें
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