मुंबई Airport पर होना था लैंड, प्लेन में हुआ कुछ ऐसा, थमी पैसेंजर्स की सांसें
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Mumbai Airport Plane Crash: करीब 6116 किमी का सफर तय कर केएलएम एयरलाइंस का यह एयरक्राफ्ट मुंबई में दाखिल हो चुका था. यह प्लेन अगले कुछ सेकेंड में सांताक्रूज एयरपोर्ट पर लैंड होने वाला था. लेकिन लैंडिंग से ठीक …और पढ़ें

हाइलाइट्स
- दिल्ली से मुंबई के लिए केएलएम एयरलाइंस के प्लेन ने भरी थी उड़ान
- केएलएम के इस प्लेन में 35 पैसेंजर के अलावा 10 क्रू मेंबर भी थे सवार
- खराब मोसम और पायलट की गलती बनी दुर्घटना की वजह
Mumbai Airport Plane Crash: केएलएम एयरलाइंस के इस प्लेन को उस दिन कुल 12972 किलोमीटर का सफर तय करना था. अपनी तय उड़ान के तहत यह प्लेन करीब 4,978 किमी का सफर तय कर उस दिन पहले दिल्ली पहुंचा और फिर वहां से मुंबई के लिए रवाना हो गया. करीब 1138 किमी का सफर तय कर यह प्लेन दिल्ली से मुंबई तक तो पहुंच गया, लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले…
दरअसल, यह घटना आज से करीब 76 साल पहले की है. 12 जुलाई, 1949 केएमएल एयरलाइंस के लॉकहीड कांस्टेलेशन प्लेन अपनी शेड्यूल फ्लाइट पर रवाना हुआ था. इस प्लेन को पहले जकार्ता (इंडोनेशिया) से दिल्ली, फिर दिल्ली से मुंबई, इसके बाद वहां से एम्स्टर्डम (नीदरलैंड) के लिए रवाना होना था. इस फ्लाइट में कुल 45 लोग सवार थे, जिसमें 10 क्रू-मेंबर और 35 पैसेंजर शामिल थे.
अपने अंतिम सफर पर निकला PH-TDF
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्लेन जकार्ता से दिल्ली की उड़ान पूरी कर अपने आगे के सफर पर निकल चुका था. मुंबई की सरहद में दाखिल होते ही इस प्लेन का सामना सबसे पहले काले घने बादलों से हुआ. ये काले बादल उस दिन सूरज की रोशनी को लगभग निगल चुके थे. बची खुची कसर तेज मूसलाधार बारिश ने पूरी कर दी थी. प्लेन की विंड स्क्रीन पर पानी की बूंदे और आगे सिर्फ काला ही काला नजर आ रहा था.
मुंबई एयर ट्रैफिक कंट्रोल से लैंडिंग की इजाजत मिलते ही पायलट ने प्लेन के लैंडिंग गियर खोल दिए थे. प्लेन ने आसमान से जमीन की तरफ डिसेंड कर दिया था. वहीं प्लेन जैसे ही घाटकोपर इलाके के ऊपर पहुंचा, उसका सामना बेहद तेज हवाओं से हो गया. पहले ही घने काले बादल और तेज बारिश की वजह से सामने कुछ नजर नहीं आ रहा था. वहीं तेज हवाओं ने इस प्लेन लैंडिंग को बेहद मुश्किल कर दिया था.
घाटकोपर में हुए धमाके से हिली मुंबई
पायलट को पता ही नहीं चला कि वह प्लेन को निर्धारित ऊंचाई से बहुत नीचे ले आया है. जब तक उसे इस बात का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. प्लेन कुछ ही सेकेंड के अंतराल में घाटकोपर की जमीन से टकराया. वहीं, जमीन से टकराते ही तेज धमाका हुआ और प्लेन को आग की लपटों ने घेर लिया. जब तक राहत और बचाव दल मदद के लिए पहुंचता, इससे पहले प्लेन जलकर पूरी तरह से खाक हो चुका था.
वहीं, क्रैश के बाद हुए धमाके से पूरा इलाका हिल गया. इस क्रैश में प्लेन में सवार सभी 45 लोगों की मृत्यु हो गई, इसमें 10 क्रू मेंबर और 35 यात्री शामिल थीं. प्लेन क्रैश में अपनी जान गंवाने वालों में पुलित्जर पुरस्कार विजेता और अमेरिकी पत्रकार एचआर निकरबॉकर भी शामिल थे. आखिर में, इस प्लेन हादसे के लिए प्लेन के पायलट की चूक को जिम्मेदार माना गया था.
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Credits To Live Hindustan