मोदी का वह ‘हनुमान’, जिसने आतंकियों की जलाई लंका, किसने रखा ऑपरेशन सिंदूर नाम?

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Operation Sindoor Latest News: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की. इसमें 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इस ऑपरेशन की कमान एनएसए अजीत डोभाल के हाथ में थी. पीएम मोदी ने इसक…और पढ़ें

मोदी का वह 'हनुमान', जिसने आतंकियों की जलाई लंका, किसने रखा ऑपरेशन सिंदूर नाम?

ऑपरेशन सिंदूर का नाम पीएम मोदी ने दिया था.

हाइलाइट्स

  • भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की.
  • ऑपरेशन सिंदूर की कमान एनएसए अजीत डोभाल के हाथ में थी.
  • ऑपरेशन सिंदूर का नाम पीएम मोदी ने रखा था.

Operation Sindoor Name: जब आप सो रहे थे, तब पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई थी. जी हां, भारत ने आधी रात को पाकिस्तान में अटैक कर दिया. भारत ने रात करीब एक बजे मिसाइलों की बरसात कर आतंकियों की लाशें बिछा दीं. भारत ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की. इस हमले में 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं और दर्जनों घायल हैं. भारत के एक्शन से पाकिस्तान में आधी रात को खलबली मच गई. मस्जिदों से भागो-भागो हमला हो गया.. की आवाजें आने लगीं. आतंकियों के खिलाफ भारत के इस एक्शन का नाम है- ऑपरेशन सिंदूर. आतंकियों ने जिस तरह से पहलगाम में अटैक किया था, उसमें कई के सुहाग उजड़े थे. उसी से प्रेरित होकर इस एक्शन को नाम दिया गया ऑपरेशन सिंदूर. अब सवाल है कि आखिर ऑपरेशन सिंदूर की कमान किसके हाथ में थी. कैसे और किसने आधी रात को आतंकियों की लंका जला दी.

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कमान पीएम मोदी के हनुमान कहे जाने वाले एनएसए अजीत डोभाल के हाथ में थी. वह अजीत डोभाल ही थे, जिन्होंने इस ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. लाहौर से 409 किलोमीटर की दूरी पर बैठकर अजीत डोभाल ने आधी रात को आतंकियों की लंका जला दी. इस ऑपरेशन को अंजाम देने में एनएसए डोभाल ने स्पेशल टीम के साथ मोर्चा संभाला था. ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की कहानी बस यही थी कि अपने शहीद जवानों और विधवा हुई महिलाओं का बदला लेना. यह पूरी तरह से खुफिया जानकारी पर आधारित ऑपरेशन था.

PM Modi Operation Sindoor

पीएम मोदी रातभर जगकर एक्शन पर नजर रख रहे थे.

किसने लिखी अटैक की पटकथा
इस अटैक की पटकथा अजीत डोभाल ने लिखी थी. पीएम मोदी को एक-एक जानकारी दी जा रही थी. जब पाकिस्तान में अटैक हो रहे थे, तब पीएम मोदी रातभर जगे थे. उन्हें पल-पल की खबर दी जा रही थी. ऑपरेशन सिंदूर की मंजूरी अजीत डोभाल ने पहले ही पीएम मोदी से ले ली थी. ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों का पता लगाने में एनटीआरओ ने अहम भूमिका निभाई. इसके बाद सभी ठिकानों को ध्यान से चुना गया और दूसरे दौर के लिए हर एक पर नजर रखी गई. फिर केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का फैसला लिया गया.

Operation Sindoor

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ऑपरेशन सिंदूर की इनसाइड स्टोरी
सूत्रों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में कैसे खलबली मचाई जाएगी, इसका अंतिम फैसला एनएसए अजीत डोभाल ने लिया. सबकुछ फाइनल होने के बाद पीएम मोदी को पूरी जानकारी दी गई और एनएसए को आगे बढ़ने को कहा गया. इस अटैक की जानकारी बहुत ही कम लोगों को थी और इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया था. कंट्रोल रूम को पूरी तरह से एनएसए और उनकी टीम ने संभाला हुआ था. खुद अजीत डोभाल वहां मौजूद थे. पीएम मोदी भी पूरी रात जगकर पाकिस्तान में आतंकियों की बर्बादी देख रहे थे.

अब सवाल है कि आखिर ऑपरेशन सिंदूर का नाम किसने रखा?
आपको जानकर हैरानी होगी कि ऑपरेशन सिंदूर का नाम खुद पीएम मोदी ने रखा है. पीएम मोदी ने ही सेना को आतंकियों के खिलाफ एक्शन का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखने का सुझाव भेजा था. इसके बाद सेना ने पीएम मोदी के नाम वाले सुझाव को माना.पीएम मोदी के इस सुझाव के पीछे एक संदेश था. यह नाम 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों खासकर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की विधवा पत्नी के सिंदूर से प्रेरित है. इसका मकसद आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना और हिमांशी नरवाल जैसे पीड़ितों को न्याय दिलाना था. भारत ने पहलगाम का बदला लेते हुए पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया.

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