MBBS नहीं मिला? चिंता छोड़िए, BAMS और BDS है शानदार विकल्प, जानिए क्या है खास

Medical Courses BAMS Vs BDS: मेडिकल करियर की जब कभी बात होती है, तो अधिकतर छात्र MBBS को ही सबसे पहले विकल्प मानते हैं. लेकिन हेल्थकेयर की दुनिया में ऐसे कई अन्य करियर भी हैं, जो न सिर्फ संतोषजनक हैं, बल्कि समाज के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन्हीं में से दो प्रमुख कोर्स BAMS (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery) और BDS (Bachelor of Dental Surgery) है. आइए इन दोनों कोर्सों को आसान भाषा में समझते हैं और इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
BAMS कोर्स क्या है?
BAMS एक ऐसा डिग्री प्रोग्राम है, जो छात्रों को आयुर्वेदिक चिकित्सा की परंपरागत और वैज्ञानिक समझ दोनों देता है. इसमें छात्र निम्नलिखित विषयों की पढ़ाई करते हैं.
शरीर रचना विज्ञान (Anatomy)
शरीर क्रिया विज्ञान (Physiology)
औषध विज्ञान (Pharmacology)
विष विज्ञान (Toxicology)
पंचकर्म और हर्बल उपचार जैसी आयुर्वेदिक विधियां
इस कोर्स में आयुर्वेद के सिद्धांत जैसे त्रिदोष सिद्धांत, हर्बलिज्म, और जीवनशैली सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
BAMS कोर्स क्यों चुनें?
यह कोर्स आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा का मिश्रण है. छात्र प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली आधारित चिकित्सा में विशेषज्ञ बनते हैं. BAMS करने के बाद छात्र आयुर्वेदिक अस्पतालों, वेलनेस क्लिनिक्स या अपने निजी प्रैक्टिस के माध्यम से काम कर सकते हैं. आज के समय में आयुर्वेदिक चिकित्सा की मांग भारत ही नहीं, दुनिया भर में बढ़ रही है.
BDS कोर्स
BDS उन छात्रों के लिए है, जो डेंटिस्ट (Dentist) बनना चाहते हैं. यह एक पांच वर्षीय कोर्स है, जिसमें एक वर्ष की इंटर्नशिप भी शामिल होती है. इसमें पढ़ाए जाने वाले प्रमुख विषय हैं.
डेंटल एनाटॉमी
ओरल पैथोलॉजी (Oral Pathology)
रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Endodontics)
टीथ क्लीनिंग एंड गम ट्रीटमेंट (Periodontics)
डेंटल सर्जरी और प्रोस्थोडॉन्टिक्स
BDS कोर्स की खासियतें
यह कोर्स बहुत अधिक प्रैक्टिकल होता है, जिसमें क्लीनिक में हाथ से काम करने का अनुभव जल्दी शुरू हो जाता है. छात्र लेटेस्ट डेंटल इक्विपमेंट के साथ काम करना सीखते हैं. BDS पूरी करने के बाद आप सामान्य डेंटिस्ट बन सकते हैं या फिर आगे विशेषज्ञता (MDS) हासिल करने की ओर बढ़ सकते हैं.
BAMS और BDS: अलग-अलग रास्ते, एक ही उद्देश्य
BAMS और BDS दोनों का उद्देश्य समाज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है, लेकिन उनके तरीके अलग हैं. BAMS रोगों के कारणों को समग्र रूप से समझकर प्राकृतिक इलाज में विश्वास रखता है. वहीं BDS डेंटल डिसऑर्डर के सटीक इलाज और सर्जिकल प्रक्रियाओं पर केंद्रित है. आपका झुकाव अगर पारंपरिक, जीवनशैली-आधारित और प्राकृतिक उपचारों की ओर है, तो BAMS बेहतर रहेगा. वहीं अगर आप सर्जरी, आधुनिक तकनीकों और प्रैक्टिकल स्किल्स में रुचि रखते हैं, तो BDS एक स्थिर और सम्मानजनक विकल्प बन सकता है.
हेल्थकेयर में है अपार संभावनाएं
आज का हेल्थकेयर सेक्टर सिर्फ MBBS तक सीमित नहीं है. चाहे BAMS हो या BDS, दोनों में ही आगे बढ़ने, रिसर्च करने और समाज की सेवा करने की असीम संभावनाएं हैं. ऐसे कोर्स न सिर्फ प्रोफेशनल संतुष्टि देते हैं, बल्कि समाज के लिए भी बेहद मूल्यवान हैं.
Credits To Live Hindustan