मानसून पर मौसम विभाग का आया बड़ा अपडेट, बिहार-यूपी के लिए खास
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IMD Weather Update: दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार देश के विभिन्न हिस्सों में समय से पहले एक्टिव हो गया. इस वजह से नॉर्थईस्ट से लेकर साउथ और महाराष्ट्र तक में मूसलाधार बारिश हुई. अब मानसून को लेकर मौसम विभाग क…और पढ़ें

मणिपुर में मूसलाधार बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति है. इंफाल के एक अस्पताल में भ्ज्ञी बाढ़ का पानी घुस गया. वहां फंसे मेडिकल स्टाफ को निकालने के लिए सेना को मोर्चा संभालना पड़ा. (फोटो: एपी)
हाइलाइट्स
- मानसून के समय से पहले सक्रिय होने से देश के विभिन्न हिस्सों में जोरदार बारिश
- मुंबई और नॉर्थईस्ट के कई प्रदेशों में बरसात से सामान्य जनजीवन पटरी से उतरा
- मौसम विभाग का ताजा अपडेट- बिहार-यूपी को मानसून के लिए करना होगा इंतजार
नई दिल्ली. मानसून पर देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा निर्भर करता है. मानसून के सामान्य रहने पर इकोनोमी में बूम आती है और कमजोर रहने पर इसका निगेटिव असर पड़ता है. इस तरह भारत के लिए साउथवेस्ट मानसून का सामान्य रहना काफी आवश्यक हो जाता है. देश के कई हिस्सों में मानसून ने इस बार समय से पहले दस्तक दे दिया. केरल, कर्नाटक, तमिलनाड़, महाराष्ट्र, गोवा और पूर्वोत्तर भारत के तकरीबन सभी राज्यों में जोरदार बारिश हुई है. केरल के साथ महाराष्ट्र की रजधानी मुंबई में मूसलाधार बारिश से आम जिंदगी पटरी से उतर गई. वहीं, नॉर्थईस्ट में गंभीर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. लगातार तेज बारिश की वजह से कई जगहों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं. घर-दुकान के साथ ही अस्पताल तक में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है. अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मानसून को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है. फिलहाल मानसून के आगे बढ़ने की रफ्तार कम हो गई है. इसलिए बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को इसके लिए फिलहाल इंतजार करना होगा.
मानसून की रफ्तार पर ब्रेक
स्काइमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. आने वाले सप्ताह में बंगाल की खाड़ी में हलचल होने की स्थिति पर इसके रफ्तार पकड़ने की संभावना है. इस बार मानसून ने 24 मई को ही दस्तक दे दी थी. साल 2009 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून ने इतनी जल्दी सक्रिय हुआ. देश के लगभग 40% हिस्से को कवर करने के बाद मानसून की प्रगति लगभग थम सी गई है. पश्चिमी दिशा में मानसून की उत्तरवर्ती सीमा (NLM) 26 मई से मुंबई पर अटकी हुई है और पूर्वी शाखा 29 मई से पश्चिम बंगाल के बालूरघाट के पास ठहरी हुई है. अगले एक हफ्ते तक मानसून में कोई बड़ी प्रगति की संभावना नहीं है. अब मानसून की दोबारा सक्रियता की उम्मीद बंगाल की खाड़ी में किसी सिस्टम के बनने के बाद ही है.
बिहार-उत्तर प्रदेश वाले करें इंतजार
मानसून की रफ्तार पर ब्रेक लगने का असर पश्चिम बंगाल, ओडिशा के साथ ही बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों पर पड़ने की संभावना है. इन राज्यों को मानसूनी बारिश के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा. बता दें कि मानसून की चाल में उतार-चढ़ाव आना मौसम की सामान्य विशेषता है. चार महीने लंबे इस मौसम में कभी ज़ोरदार बारिश तो कभी सुस्ती का दौर चलता है, लेकिन इस बार चौंकाने वाली बात यह है कि सीजन की शुरुआत में ही यह ठहराव आ गया है, जो आमतौर पर देखने को नहीं मिलता है. देशभर में डेली रेनफॉल में भारी गिरावट आई है. हालांकि, पूर्वोत्तर भारत में हो रही भारी बारिश के कारण देशभर की औसत वर्षा अभी तक सामान्य बनी हुई है, लेकिन दक्षिण और मध्य भारत (जहां से मानसून आमतौर पर रफ्तार पकड़ता है) वहां पिछले तीन दिनों में बहुत कम बारिश हुई है.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें
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