मंदिर, श्मशान और जलाशय पर सबका अधिकार; कानपुर में गरजे RSS प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कानपुर दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने रविवार को कहा कि पंच परिवर्तन के आधार पर संपूर्ण समाज में एक बड़े परिवर्तन की ओर जाने का प्रयास हो रहा है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि पंच परिवर्तन के आधार पर संपूर्ण समाज में एक बड़े परिवर्तन की ओर जाने का प्रयास हो रहा है। संघ और स्वयंसेवकों का दायित्व है कि वह ऐसे समाज का निर्माण करें जो जातिवाद की विषमताओं से मुक्त हो। मंदिर, जलाशय, श्मशान पर संपूर्ण समाज का समान अधिकार हो। यह न हो कि अमुख व्यक्ति मंदिर नहीं जाएगा तो अमुख व्यक्ति जलाशय से पानी नहीं लेगा। बौद्धिक के दौरापन संघ प्रमुख ने विशेष और सामान्य वर्ग के स्वयं सेवकों की चार टोलियों से अलग-अलग बात की। वह तीन दिवसीय कानपुर प्रवास पर हैं।
आजादनगर स्थित दीनदयाल विद्यालय में भागवत ने कहा कि ऐसा समाज बनाएं जो राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व के लिए जागरूक हो। ऐसा समाज जो पर्यावरण के अनुकूल अपनी जीवनशैली का निर्माण करें। यह पंच परिवर्तन का मूल सार भी है। रविवार को सुबह से शाम तक संघ पदाधिकारियों के साथ भागवत की चार बैठकें हुईं। संघ शिक्षा वर्ग में शिक्षार्थियों से बातचीत के दौरान उन्होंने शिक्षार्थियों के कार्य क्षेत्र में संचालित हो रहे संघ कार्य, शाखाओं और सेवा कार्य की जानकारी भी ली। भागवत ने कहा कि शिक्षार्थी परिवार या समाज की ऐसी कड़ी होता है जिसकी बात का वजन होता है। इस कारण वह राष्ट्रभक्ति के संदेश की अलख जगाने में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन कर सकता है।
हर परिवार से हो संपर्क
मोहन भागवत ने शाम को एक और टोली से बात करते हुए कहा कि शाखा क्षेत्र के हर परिवार तक हमारा संपर्क होना चाहिए। व्यक्ति निर्माण अर्थात परिवार के साथ समाज, राष्ट्र तथा सम्पूर्ण मानवजाति अर्थात विश्व के प्रति भी अपने दायित्व की अनुभूति होनी चाहिए। संघ कहता है कि विश्व एक परिवार है। संघ जैसे-जैसे बढ़ा, वैसे-वैसे दायरा बढ़ाकर अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य का विस्तार किया।
शाखाओं में युवाओं की बढ़ाएं भागीदारी
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दीनदयाल विद्यालय में सुबह 5:15 बजे लगी शाखा में शिरकत की। रोज की तरह जैसे ही शाखा शुरू हुई तो संघ प्रमुख ने स्वयं सेवकों की गतिविधियों को बारीकी से परखा। स्वयंसेवकों ने खेलकूद, आपसी भाईचारा, ग्रुप मंत्रणा जैसे कार्यों को रोज की तरह पेश किया। संघ प्रमुख ने 321 स्वयं सेवकों को बौद्धिक देते हुए कहा कि संघ शाखाओं का विस्तार तो हो रहा है पर इसमें युवाओं की भागीदारी और बढ़ाने की जरूरत है।
मोहन भागवत ने आगे कहा कि युवा ही ऐसी शक्ति होता है जो परिवार, समाज और राष्ट्र कार्यों को अपनी ताकत और निपुणता से पूरा कर सकता है। संघ का विचार भी यही है कि समाज विषमताओं से मुक्त हो, जहां जाति नाम की चीज न हो। संघ में स्वयंसेवक वर्षों साथ काम करते हैं पर वे एक-दूसरे की न तो जाति जानते हैं और न ही किसी से जाति पूछते हैं। युवाओं के जरिए राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रसेवा का भाव समाज में ले जाया जा सकता है। युवा स्वयंसेवक जब राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रसेवा के लिए समाज को जागरूक करेगा तो एक दिन समाज के हर व्यक्ति के दिल में राष्ट्रप्रेम की भावना जन्म लेगी। आम मानव में इस भावना का संचार होते ही सुदृढ़ राष्ट्र बनेगा।
खेत-खलिहान तक पहुंचे शाखा
भागवत ने कहा कि संघ की शाखाएं शहरों में अपार्टमेंट तो गांवों में खेतों और खलिहान तक लगें तो लगेगा कि संपूर्ण भारत में संघ का काम हो रहा है और यही सफलता भी है। संघ का विचार है कि जन-जन तक सेवा कार्य और विशेष तौर पर जो समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सेवा कार्य पहुंचेंगे तो संघ का मकसद पूरा होगा। छत्रपति शिवाजी ने हिन्दू साम्राज्य की स्थापना इसी मकसद से की थी।
सोमवार को रवाना होंगे पटना
भागवत सोमवार को कानपुर से पटना रवाना होंगे। त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में ट्रेन में सवार होंगे। इसके लिए जीआरपी प्रभारी ओएन सिंह, आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त विवेक ने टीम संग बैठ सुरक्षा की रणनीति तैयार की।