लंबे समय बाद नजर आए अरविंद केजरीवाल: कहां थे, क्या कर रहे थे? जानें सब

Where is Arvind Kejriwal: दिल्ली की राजनीति के ‘सुपरस्टार’ कहे जाने वाले अरविंद केजरीवाल हाल के दिनों में पब्लिक लाइफ से लगभग गायब ही हो गए थे. दिल्ली की सत्ता हाथ से निकलने के बाद उनकी गतिविधियां कम हो गई थीं, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म था. लेकिन गुरुवार को अचानक वो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निर्वाचन सदन में दिखे. उन्होंने चुनाव आयोग (ECI) के अधिकारियों से मुलाकात की. इस मुलाकात ने राजनीतिक पंडितों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या यह उनकी किसी नई राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है? या फिर दिल्ली की राजनीति में उनकी वापसी का संकेत है?

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्तों सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ मीटिंग की. उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा और सौरभ भारद्वाज भी थे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव आयोग के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों की नियमित बैठकों का हिस्सा बनना था. इसमें चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा और सुझाव दिए जाते हैं.

बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव आयोग के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों की नियमित बैठकों का हिस्सा बनना था. (फोटो ANI)

चुनाव आयोग ने बैठक पर क्या कहा?
चुनाव आयोग ने बताया कि यह बैठक विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ चल रही बातचीत का हिस्सा थी. चुनाव आयोग ने एक प्रेस रिलीज में कहा, “यह बातचीत राष्ट्रीय और राज्य पार्टी अध्यक्षों को अपने सुझाव और चिंताएं सीधे आयोग के साथ साझा करने में सक्षम बनाती है.” चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि यह पहल सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए आयोग के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है.

अब तक ECI से कौन-कौन कर चुका है मुलाकात?

तारीख पार्टी
6 मई बहुजन समाज पार्टी (BSP)
8 मई भारतीय जनता पार्टी (BJP)
10 मई भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
13 मई नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)
16 मई आम आदमी पार्टी (AAP)

क्या है इस बैठक उद्देश्य?
इस बैठक से पहले चुनाव आयोग ने 6 मई को बहुजन समाज पार्टी (BSP) के प्रतिनिधिमंडल, 8 मई को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रतिनिधिमंडल, 10 मई को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और 13 मई को नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष से मुलाकात की थी. इन बैठकों का उद्देश्य चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों के बीच संवाद को बढ़ावा देना और चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना था.

केजरीवाल का क्या है इशारा?
अरविंद केजरीवाल की चुनाव आयोग के साथ हुई यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब दिल्ली की राजनीति में उनकी भूमिका को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली की सत्ता से दूर होने के बाद उनकी सार्वजनिक उपस्थिति कम हो गई थी. इससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं. हालांकि चुनाव आयोग के साथ हुई इस बैठक ने उनके राजनीतिक सक्रियता में वापसी का संकेत दिया है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केजरीवाल की यह मुलाकात आम आदमी पार्टी की चुनावी तैयारियों का हिस्सा हो सकती है. पार्टी आगामी चुनावों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए रणनीति बना रही है. इसके अलावा यह मुलाकात चुनाव आयोग के साथ पार्टी के संबंधों को मजबूत करने का भी एक प्रयास हो सकता है.

दिल्ली की राजनीति में हलचल
केजरीवाल की इस मुलाकात ने दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. उनके समर्थकों को उम्मीद है कि यह मुलाकात उनकी राजनीतिक वापसी का संकेत है जबकि उनके विरोधियों को यह देखना है कि वे आगे क्या कदम उठाते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति में किस तरह की भूमिका निभाते हैं.

Credits To Live Hindustan

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