लालच ने डुबाया 7000 करोड़ का प्रोजेक्‍ट! सेबी से ईडी तक पड़ चुके हैं पीछे

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Anmol Singh Jaggi Downfall : बैंगलोर में ओला-उबर को टक्‍कर देने वाली टैक्‍स कैब सर्विस ब्‍लूस्‍मार्ट और जेनसोल जैसी बड़ी कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्‍गी ने अपनी लालच की वजह से सब बर्बाद कर दिया. आज उनकी कं…और पढ़ें

लालच ने डुबाया 7000 करोड़ का प्रोजेक्‍ट! सेबी से ईडी तक पड़ चुके हैं पीछे

केंद्र सरकार जेनसोल के ग्रीन प्रोजेक्‍ट को रद कर सकती है.

हाइलाइट्स

  • अनमोल सिंह जग्गी की कंपनी पर सेबी और ईडी की जांच.
  • सरकार 7000 करोड़ के प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रही है.
  • गलत फंड उपयोग के आरोप में कंपनी पर प्रतिबंध.

नई दिल्‍ली. एक बड़ी कंपनी, करोड़ों की कमाई और 7 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का कारोबार, इतना सबकुछ होते हुए भी एक लालच ने कैसे सब बरबाद कर दिया, इसकी जीती-जागती मिसाल हैं अनमोल सिंह जग्‍गी. उनकी कंपनी पर पहले सेबी का शिकंजा कसा और अब ईडी ने भी जांच के पत्‍ते खोल दिए हैं. सरकार भी उनकी कंपनी को मिले करीब 7,000 करोड़ के ठेके की समीक्षा करने जा रही है और बाजार विश्‍लेष्‍कों का भरोसा करें तो कंपनी के हाथ यह कॉन्‍ट्रैक्‍ट पूरी तरह जा सकता है.

लाइवमिंट के अनुसार, मामले से जुड़े दो सूत्रों ने बताया है कि केंद्र सरकार जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड को मिले सभी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्‍ट की समीक्षा करने वाली है. आरोप है कि कंपनी ने इन प्रोजेक्‍ट को पूरे करने में और इनके काम में मानकों का इस्‍तेमाल नहीं किया है. सरकार ने यह जांच कंपनी के 7,000 करोड़ रुपये के अधूरे ऑर्डर बुक के मद्देनजर शुरू की है, एक महत्वपूर्ण हिस्सा NTPC लिमिटेड, दामोदर वैली कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DVC) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के साथ अनुबंध का भी शामिल है.

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क्‍यों लगी कंपनी की लंका
Gensol और इसके प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी व पुनीत सिंह जग्गी 15 अप्रैल को जारी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक अंतरिम आदेश के बाद विवादों में हैं. दोनों पर कंपनी के फंड का गलत इस्‍तेमाल करने और उससे अपनी लाइफ को लग्‍जरी बनाने का आरोप है, जिसके बाद दोनों को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

हाथ चला जाएगा प्रोजेक्‍ट
मिंट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार Gensol मामले की जांच कर रही है और इसके हर पहलू को देख रही है. खासकर सरकारी कंपनियों की ओर से दिए गए कॉन्‍ट्रैक्‍ट की निगरानी की जा रही है. इन प्रोजेक्‍ट के लिए पैसों की मदद करने वाली सरकारी कंपनी इरेडा भी जांच पर करीबी नजर बनाए हुए है. अगर जांच में लगा कि कंपनी इन प्रोजेक्‍ट को पूरे करने में समर्थ नहीं है तो दोबारा इसकी निविदा निकाली जाएगी.

लोन को एनपीए होने से बचाने की तैयारी
सरकार और एजेंसियां जेनसोल की जांच इसलिए कर रही हैं, ताकि कंपनी को दिए गए 1,000 करोड़ रुपये के लोन को एनपीए होने से बचाया जा सके. जेनसोल केा इरेडा ने 663 करोड़ तो पीएफसी ने 350 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. कंपनी की ऑर्डर बुक में 7 हजार करोड़ रुपये का कम अटका पड़ा है और जिसमें से 2,928 करोड़ रुपये के सोलर EPC प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं.

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