कर्नाटक सरकार और RCB पर नई आफत, पार्क इवेंट को नुकसान पहुंचाने के लिए शिकायत
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Bengaluru Stampede: कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन ने सिद्धारमैया सरकार और आरसीबी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, आरोप लगाया कि आरसीबी विजय उत्सव के दौरान हुई भगदड़ से पार्क को नुकसान पहुंचा है.

बेंगलुरु भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी. (पीटीआई)
हाइलाइट्स
- कब्बन पार्क को आरसीबी विजय उत्सव से नुकसान पहुंचा.
- कर्नाटक सरकार और आरसीबी पर लापरवाही का आरोप.
- स्थानीय पुलिस को कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन ने शिकायत दी.
Bengaluru Stampede: महानगर में एक नागरिक समूह ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक राज्य सरकार और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उनका दावा है कि पिछले सप्ताह हुई भगदड़ के कारण उनके इलाके के पार्क की बाड़ को नुकसान पहुंचा है. कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन ने स्थानीय पुलिस को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उसने कहा है कि स्थिति को बिना किसी तैयारी के संभाला गया, जिसके परिणामस्वरूप भीड़ उमड़ पड़ी और पार्क को नुकसान पहुंचा.
शिकायत में कहा गया है, “यह भी आपके संज्ञान में लाया जाता है कि स्टेडियम की भूमि और वायरलेस कार्यालय की स्थिति सेना की है, इसलिए इसकी जिम्मेदारी कर्नाटक उपक्षेत्र की भी है. सेना द्वारा भूमि को राज्य सरकार को या सेना द्वारा केएससीए को हस्तांतरित करने के बारे में कोई दस्तावेज नहीं है. इसलिए यह शिकायत सेना मुख्यालय उपक्षेत्र के खिलाफ भी है, क्योंकि वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के अपने कर्तव्य में विफल रहे हैं.” राज्य सरकार पर “कर्तव्य की उपेक्षा” का आरोप लगाते हुए, नागरिक समूह ने कहा कि कर्नाटक सरकार, केएससीए संगठन, डीएनए, सेना उपक्षेत्र, आरसीबी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इसलिए शिकायत दर्ज की जाए और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए.
बेंगलुरु भगदड़ की घटना कब और कैसे हुई?
यह दुखद घटना 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के जश्न के दौरान हुई. RCB के पहले इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) खिताब का सम्मान करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में दुखद रूप से 11 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. यह भगदड़ शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच हुई, जब स्टेडियम के बाहर लगभग 250,000 प्रशंसक जमा हुए थे. स्टेडियम में घुसने की कोशिशों के कारण प्रवेश द्वारों पर भीड़भाड़ हो गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई. स्थिति तब और बिगड़ गई जब मुफ़्त पास की घोषणा की गई, जिससे बिना टिकट वाले प्रशंसक गेट की ओर उमड़ पड़े. अधिकारियों ने कहा कि ज़्यादातर पीड़ित युवा पुरुष और महिलाएं थे, जिनमें कई छात्र भी शामिल थे.
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राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
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