कर्नाटक में का बा, A टू Z महंगाई बा, A से अल्कोहल, Z से जोमाटो, देखें लिस्ट

क्रिस्टीन मैथ्यू फिलिप
Karnataka News: कर्नाटक में महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है. फरवरी 2025 में सीपीआई के आधार पर कर्नाटक में महंगाई दर 4.49% थी, जो राष्ट्रीय औसत 3.61% से काफी ज्यादा है. मई 2023 में पांच गारंटी योजनाओं के वादे के साथ सत्ता में आई सीएम सिद्दारमैया की कांग्रेस सरकार अब जनता के गुस्से का सामना कर रही है. डीजल, बिजली, मेट्रो और बस किराए से लेकर दूध, पानी के बिल और कचरा शुल्क तक… हर चीज के दाम बढ़ गए हैं. निजी स्कूलों ने भी ट्यूशन और ट्रांसपोर्ट फीस बढ़ा दिए हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग को भारी मुश्किल हो रही है.

विपक्षी दल बीजेपी और जेडीएस ने इन बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किए हैं. बीजेपी ने 16 दिन की जनाक्रोश यात्रा शुरू की है, जिसमें वह जरूरी सामानों की कीमतों में वृद्धि, दो करोड़ रुपये से कम के सरकारी टेंडर में मुस्लिम आरक्षण और कांग्रेस सरकार की कथित कुप्रबंधन को मुद्दा बना रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस ने जीवन बेहतर करने की गारंटी देने के बजाय ‘महंगाई की गारंटी’ दी है. यह यात्रा अगले माह बेंगलुरु में खत्म होगी.

दूसरी ओर, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वह 17 अप्रैल को पूरे राज्य में महंगाई, खासकर रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य ने पांच गारंटी योजनाओं के लिए हर साल 52,000 करोड़ रुपये दिए हैं. उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद से गाड़ियों, घरेलू सामान और अनाज की कीमतें आसमान छू रही हैं. केंद्र सरकार ने एलपीजी और टोल शुल्क बढ़ाया है, जिसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है.

Karnataka News From a to z karnataka sees a series of price hikes public angry with siddaramaiah government

जेडीएस भी पीछे नहीं
जेडीएस भी पीछे नहीं है. वह 12 अप्रैल को बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में ‘सकप्पा साकु कांग्रेस सरकार’ (कांग्रेस सरकार बहुत हो गई) अभियान के तहत बड़ा विरोध प्रदर्शन करेगी. केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में यह प्रदर्शन महंगाई और राज्य प्रशासन में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ होगा.

इसके अलावा कर्नाटक स्टेट लॉरी ओनर्स एंड एजेंट्स एसोसिएशन ने 15 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. वे डीजल की कीमतों में कमी, राज्य राजमार्गों पर टोल वसूली बंद करने और चेकपोस्ट हटाने की मांग कर रहे हैं. डीजल की कीमतों में हाल ही में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे ट्रांसपोर्ट व्यवसायी नाराज हैं.

हैरानी की बात है कि मार्च 2025 में कर्नाटक विधानसभा ने सैलरी, पेंशन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किए, जिसके तहत विधायकों और एमएलसी की सैलरी दोगुनी होकर 80,000 रुपये, मुख्यमंत्री की 1.5 लाख रुपये और मंत्रियों की 1.25 लाख रुपये प्रति माह हो गई है. इससे राज्य के खजाने पर हर साल 62 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

मेट्रो फेयर में 71 फीसदी का इजापा
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल), जो केंद्र और राज्य की साझा कंपनी है, ने मेट्रो किराए में 71% तक की बढ़ोतरी की. इससे बेंगलुरु का मेट्रो देश में सबसे महंगा हो गया है. बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार ने जनता पर बोझ डाला, जबकि कांग्रेस का दावा है कि केंद्र की फेयर फिक्सेशन कमेटी ने यह फैसला लिया. जनता महंगाई से त्रस्त है और दोनों पार्टियों के बीच सियासी जंग तेज हो गई है. लोग चाहते हैं कि सरकार जल्द इस बोझ को कम करे.

Credits To Live Hindustan

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