कनाडा के नए पीएम मार्क कार्नी की बढ़ी मुश्किलें, लोगों को नहीं मिल रही नौकरियां, इकोनॉमी पर भी आंच

नये प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के लिए कनाडा में इस समय मुश्किल वक्त चल रहा है। विशाल प्राकृतिक संसाधनों और हाई-फाई लाइफस्टाइल के लिए यह देश जाना जाता है। लेकिन इस समय कनाडा में बेरोजगारी के रूप में एक बड़ा संकट गहरा रहा है। अप्रैल 2025 में यह देश केवल 7,400 नौकरियां ही दे पाया। जबकि बेरोजगारी दर बढ़कर 6.9% हो गई है, जो नवंबर 2023 के बाद सबसे अधिक है। दुनिया के अमीर देशों में गिने जाने वाले कनाडा की इस निराशाजनक परफॉर्मेंस ने आर्थिक ठहराव को लेकर चिंताएं बढ़ा दी है। स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटोमोबाइल जैसे प्रमुख कनाडाई एक्सपोर्ट्स पर बढ़े हुए अमेरिकी टैरिफ को इसका कारण बताया जा रहा है। नौकरियों में कमी और बढ़ी हुई लेबर फोर्स कनाडा के आर्थिक लचीलेपन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
काफी बढ़ गई बेरोजगारी
स्टैटिस्टिक्स कनाडा के अनुसार देश में करीब 16 लाख कनाडाई बेरोजगार हैं। वहीं, लेबर मार्केट में काफी तनाव दिख रहा है। कनाडा में अप्रैल में 7400 शुद्ध नौकरियां जोड़ी गईं। जबकि मार्च में लोगों की 32,600 जॉब्स चली गई थीं। यह इकोनॉमी की असमान रिकवरी को दिखाता है। वहीं, बरोजगारी दर 6.7 फीसदी से बढ़कर 6.9 फीसदी हो गई है। यह विश्लेषकों के 6.8 फीसदी के पूर्वानुमान से अधिक है। एक एक चिंताजनक ट्रेंड है, क्योंकि मार्च में बेरोजगार रहे लोगों में से करीब 61 फीसदी अप्रैल में भी बेरोजगर रहे थे। यह पिछले साल की तुलना में 4 फीसदी अधिक है।
सोशल सर्विसेज पर बन रहा दबाव
कनाडा में वहां की जनसंख्या और नौकरियों की संख्या में तालमेल नहीं है। इस असंतुलन से वहां सोशल सर्विसेज पर दबाव बन रह है और लॉन्ग टर्म में आर्थिक अस्थिरता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। अप्रैल में कम नौकरियों का सबसे बड़ा खामियाजा मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को भुगतना पड़ा है। स्टैटिस्टिक्स कनाडा ने सीधे तौर पर इस गिरावट को डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी के तहत लगाए गए टैरिफ से जोड़ा है। ट्रंप ने कनाडाई स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटोमोबाइल सेक्टर को टार्गेट किया है।
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