कलमाडी के खिलाफ नहीं मिले सबूत, ED ने कोर्ट में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट
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CWG SCAM: कॉमनवेल्थ गेम्स साल 2010 में हुए थे। तब दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार थी. सुरेश कलमाड़ी पर आरोप लगे थे कि उन्होंने गेम्स से पहले ठेके देने में बड़े पैमाने पर घोटाला किया था. पहले सीबीआईऔर अब ई…और पढ़ें

कॉमलवेल्थ गेम्स साल 2010 में हुए थे. (File Photo)
हाइलाइट्स
- सुरेश कलमाड़ी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बरी किया गया.
- ईडी ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, सबूत नहीं मिले.
- कांग्रेस ने भाजपा पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया.
CWG SCAM: कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी को बरी करि दिया है. ईडी की तरफ से पेश मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की गई थी. कहा गया कि सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ सबूत नहीं है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. 13 साल पुराने मामले को खत्म करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कलमाड़ी को बड़ी राहत दी. यह मामला 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के पूर्व प्रमुख सुरेश कलमाड़ी, तत्कालीन महासचिव ललित भनोट और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का था. क्लोजर रिपोर्ट के साथ इस कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का पहलू खत्म हो गया है.
साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) के आयोजन में भ्रष्टाचार के आरोपों ने देश में बड़ा राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया था, जिसके चलते कई आपराधिक और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें यह मामला भी शामिल था. कलमाड़ी और अन्य पर खेलों के लिए दो महत्वपूर्ण ठेकों के एलोकेशन और एग्जिक्यूशन में भ्रष्टाचार का आरोप था. विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने माना कि सीबीआई ने पहले ही भ्रष्टाचार के मामले को बंद कर दिया था, जिसके आधार पर ED ने अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी. ऐसे में इस क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया जाता है.
इस रिपोर्ट में CWG OC के तत्कालीन COO विजय कुमार गौतम, तत्कालीन कोषाध्यक्ष ए के मट्टो, इवेंट नॉलेज सर्विस (EKS), स्विट्जरलैंड और CEO क्रेग गॉर्डन मॅलैचे का नाम भी शामिल था. न्यायाधीश ने ED की इस बात को नोट किया कि जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध नहीं पाया गया. “जांच के दौरान, अभियोजन पक्ष PMLA की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग) के तहत अपराध साबित करने में विफल रहा क्योंकि PMLA की धारा 3 के तहत कोई अपराध नहीं पाया गया या किया गया. लिहाजा ED द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार की जाती है.
क्या था पूरा मामला?
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED ने CBI द्वारा दर्ज मामले के आधार पर शुरू की थी. CBI के अनुसार, कॉमनवेल्थ गेम्स से संबंधित कॉन्ट्रैक्ट गेम्स वर्कफोर्स सर्विस (GWS) और गेम्स प्लानिंग, प्रोजेक्ट और रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज (GPPRMS) को मिले थे. आरोपियों ने जानबूझकर और गलत तरीके से इन दो कान्ट्रैक्ट को EKS और अर्न्स्ट एंड यंग के संघ को देकर गलत तरीके से फायदा उठाया और OC, CWG को 30 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया. CBI ने बाद में जनवरी 2014 में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया कि “जांच के दौरान कोई भी आपत्तिजनक सबूत सामने नहीं आया और FIR में लगाए गए आरोपों को आरोपियों के खिलाफ साबित नहीं किया जा सका.’
कांग्रेस ने माफी मांगने को कहा
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि आज ED ने तथाकथित कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) घोटाले में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दी है. सालों तक भाजपा के इकोसिस्टम ने 2G, CWG, रॉबर्ट वाड्रा और कोयला मामलों को लेकर कांग्रेस को बदनाम करने के लिए झूठ को हथियार बनाया. आज सच्चाई मजबूती से खड़ी है और उनके झूठ धराशायी हो चुके हैं. ये मामले कभी न्याय के लिए नहीं थे. ये केवल राजनीतिक प्रताड़ना, सुर्खियों में बने रहने और अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने का षड्यंत्र थे. इन गढ़े हुए मामलों का पतन सिर्फ कानूनी विजय नहीं है, बल्कि भाजपा की झूठे विमर्श की राजनीति पर एक नैतिक और राजनीतिक अभियोग है. सच टीवी स्टूडियोज़ में चिल्लाता नहीं है. वह शांति से, सशक्त रूप से और अनिवार्यता के साथ सामने आता है. क्या अब प्रधानमंत्री देश से माफी मांगेंगे? क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता से माफी मांगेंगे?
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