किस्मत में मौत लिखी होगी तो.. हवाई सफर कैसे रोड ट्रैवल से 1000 गुना ज्यादा सेफ

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Air India Dreamliner Plane Crash: डॉ. सुभाष गोयल ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर कहा कि हवाई यात्रा रोड ट्रैवल से 1000 गुना सुरक्षित है. उन्होंने बताया कि ब्लैक बॉक्स मिल चुका है और जांच चल रही है.

किस्मत में मौत लिखी होगी तो.. हवाई सफर कैसे रोड ट्रैवल से 1000 गुना ज्यादा सेफ

एअर इंडिया विमान हादसे में 240 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. (पीटीआई)

हाइलाइट्स

  • हवाई यात्रा रोड ट्रैवल से 1000 गुना सुरक्षित है.
  • ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, जांच जारी है.
  • एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट्स जांच में शामिल हैं.

नई दिल्ली. एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश जैसे हादसों से साइकोलॉजिकल डर का पैदा होना लाजमी है, हालांकि एयर प्लेन ट्रैवल रोड ट्रैवल से 1000 गुना ज्यादा सुरक्षित है. डॉ. सुभाष गोयल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि मौत को कोई रोक भी नहीं सकता है. अगर एक्सिडेंट होना होगा तो आप रोड क्रॉस करते हुए भी हादसे का शिकार हो सकते हैं.

गोयल ने अपनी बात समझाते हुए कहा, “हमने देखा कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जिसे दुनिया के सबसे सुरक्षित एयरक्राफ्ट में गिना जाता है, किस तरह बम की तरह फट जाता है. ड्रीमलाइनर का यह क्रैश पहली बार है. इस भयावह और दुखद घटना में हमने यह भी देखा कि किस तरह एक आदमी बचकर निकल आया. इससे हिंदी की एक कहावत के बोल सच हो जाते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोय. जिसका मतलब है कि चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, जिस पर भगवान की कृपा है, उसे कोई हानि नहीं पहुंचा सकता.”

उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि हवाई सफर सबसे सुरक्षित है. हालांकि, किस्मत में मौत लिखी होगी तो आप सड़क दुर्घटना में भी मर सकते हैं. इसलिए हवाई सफर न करने की सलाह नहीं दी जाती.

गोयल ने एयर इंडिया के प्लेन से जुड़ी सुरक्षा पर कहा, “दुनिया की ऐसी शायद ही ऐसी कोई एयरलाइन होगी जिसका क्रैश न हुआ हो. एयर इंडिया के प्लेन में 6 बैटरी जनरेटर्स की सुविधा मौजूद थी, जो कि इंजन के फेल होने की स्थिति में काम आते. यह कहना पूरी तरह से गलत होगा कि कोई स्पेसिफिक एयरलाइन सुरक्षित है.”

उन्होंने कहा कि यहां यह भी समझने की जरूरत है कि जब भी एयरप्लेन टेक ऑफ करता है तो इसके हर एक पुर्जे की जांच होती है. इस केस में पायलट एरर की संभावना भी नहीं बनती क्योंकि बोर्ड करने से पहले हर पायलट का मेडिकल चेकअप होता है. प्लेन उड़ना शुरू हो गया था, यानी इंजन को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं थी. टेकऑफ के बाद क्या हुआ, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. जांच के बाद ही सारी जानकारियां सामने आने की उम्मीद है.

गोयल ने बताया कि ब्लैक बॉक्स मिल चुका है और जांच चल रही है. उन्होंने कहा, “विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय की जांच टीम पहुंच चुकी है. यूके से भी एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट्स आ रहे हैं. अमेरिका से बोइंग के लोग पहुंच चुके हैं. हमें उम्मीद है कि एनालिसिस के बाद ही घटना के कारणों का पता लग पाएगा.”

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Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

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