‘खेल खेला जा रहा…’ शशि थरूर को मोदी की ‘टीम इंडिया’ में नहीं देगी कांग्रेस

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति का संदेश साझा करने के लिए भारत सरकार सात भारतीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल विदेश भेज रही है. हालांकि इसमें शशि थरूर ने नाम पर कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है. दरअसल कांग्रेस ने इस डेलिगेशन के लिए 4 नामों का ऐलान किया है, जिसमें शशि थरूर का नाम शामिल नहीं है. जयराम रमेश ने इस मामले पर खेल खेलने का आरोप लगाया और साफ कहा कि कांग्रेस ने जो 4 नाम दिया है, बदला नहीं जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने शशि थरूर को भी सख्त संदेश देते हुए साफ कहा, ‘कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होने में जमीन आसमान का फर्क है.’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कूटनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मामलों में सत्ता और विपक्ष के बीच विश्वास की बुनियाद होती है. सरकार ने हमारे साथ विश्वासघात किया है. किरण रिजिजू ने सुबह 10 बजे कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी से बात कर चार नाम मांगे. हमने दो घंटे के भीतर औपचारिक रूप से पत्र भेजकर चार नाम दिए. लेकिन प्रतिनिधिमंडल में इन नामों की अनदेखी कर दी गई और अपनी मर्जी से नाम जोड़े गए.’
‘सरकार किस बैट से खेल रही पता नहीं’
जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, ‘हम सीधी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन सरकार किस तरह के बैट से खेल रही है, ये समझ नहीं आ रहा. यह एक गंभीर राष्ट्रीय मसला है, कोई पॉलिटिकल स्पिन ज़ोन नहीं.’
यह भी पढ़ें- हिंद के ये 7 सितारे, जो पूरी दुनिया में पाकिस्तान की बजाएंगे बैंड, मोदी की टीम इंडिया से मिलिए
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर भ्रम फैला रही है और विपक्ष को केवल दिखावे के लिए साथ लाने की कोशिश कर रही है. रमेश ने कहा, ‘1971 में कोई डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ था, वहां स्पष्ट नैरेटिव था. लेकिन आज सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में है.’
‘टीम इंडिया’ पर मोदी सरकार को घेरा
कांग्रेस ने मोदी सरकार को ‘टीम इंडिया’ के मुद्दे पर भी आड़े हाथों लिया, जिसमें शशि थरूर जैसे कांग्रेस नेता का नाम शामिल किया गया. पार्टी का कहना है कि न तो उनसे परामर्श किया गया, न ही उनकी सिफारिश को माना गया… उल्टा जो नाम नहीं दिए गए थे, उन्हें लिस्ट में डालकर राजनीतिक संकेत भेजा गया.
कांग्रेस का आरोप है कि शशि थरूर का चयन कांग्रेस की सहमति के बिना किया गया, जो विपक्ष की भूमिका को कमज़ोर करने की एक सोची-समझी रणनीति है. कांग्रेस ने साफ किया कि उसने इस प्रतिनिधिमंडल के लिए जो 4 नाम भेजे हैं, उसे बदला नहीं जाएगा. इससे साफ संकेत मिलने लगे हैं कि थरूर के मुद्दे पर कांग्रेस कोई सॉफ्ट रुख अपनाने के मूड में नहीं.
Credits To Live Hindustan