कौन महिला है? जिसे आर्मी चीफ ने किया सम्मानित! ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई बहादुरी

Written by:

Last Updated:

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीएसएफ की सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण साहस और दक्षता के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया.

कौन महिला है? जिसे आर्मी चीफ ने किया सम्मानित! ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई बहादुरी

बीएसएफ की सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को आर्मी चीफ ने सम्मानित किया. (Image:X)

हाइलाइट्स

  • नेहा भंडारी को आर्मी चीफ ने सम्मानित किया.
  • नेहा ने ऑपरेशन सिंदूर में असाधारण साहस दिखाया.
  • नेहा अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं.

जम्मू. आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को जम्मू सीमा पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके असाधारण साहस और जंग के दौरान काम में दक्षता के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी चौकी के बिल्कुल नजदीक एक सीमा चौकी की कमान संभालते हुए, सहायक कमांडेंट ने अपने सैनिकों का नेतृत्व करते हुए जीरो लाइन (दुश्मन के इलाके के सबसे नजदीकी क्षेत्र) के पार तीन अग्रिम शत्रु चौकियों को मुंहतोड़ जवाब देकर खामोश कर दिया.

बीएसएफ जम्मू ने एक्स पर कहा कि ‘30 मई 2025 को, सीओएएस जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पीवीएसएम, एवीएसएम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ जम्मू की सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को उनके असाधारण साहस और परिचालन दक्षता के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया.’ उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात बीएसएफ कंपनी की बहादुरी से कमान संभाली.

नेहा के अलावा, छह महिला कांस्टेबलों ने अग्रिम सीमा चौकी पर बंदूक थामे रखीं, और सांबा, आर एस पुरा और अखनूर सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार दुश्मन के ठिकानों पर हर गोली के साथ उनका ‘जोश’ बढ़ता जा रहा था. नेहा, उत्तराखंड में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं, उन्हें बीएसएफ का हिस्सा होने और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू जिले के अखनूर सेक्टर के परगवाल अग्रिम क्षेत्र में सीमा चौकी की कमान संभालने पर गर्व है.

जंग वाला सायरन फ‍िर बजेगा, रहेगा ब्‍लैकआउट, जानिए ‘ऑपरेशन शील्ड’ की एक-एक बात

उन्होंने बुधवार को पीटीआई से कहा कि ‘मुझे अपने सैनिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक चौकी की कमान संभालने पर गर्व है. यह अखनूर-परगवाल क्षेत्र में पाकिस्तानी चौकी से लगभग 150 मीटर दूर है. नेहा के दादा भारतीय सेना में सेवारत थे और उनके माता-पिता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से हैं, जिससे वह परिवार में तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि ‘मेरे दादा सेना में सेवारत थे. मेरे पिता सीआरपीएफ में थे. मेरी मां सीआरपीएफ में हैं. मैं बल में तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हूं.’

About the Author

authorimg

Rakesh Singh

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in … और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
homenation

कौन महिला है? जिसे आर्मी चीफ ने किया सम्मानित! ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई बहादुरी

और पढ़ें

Credits To Live Hindustan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *