कानपुर पुलिस कमिश्नर पर मानहानि का मुकदमा दर्ज, जानिए पूरा मामला
यूपी के कानपुर में एक वकील ने कानपुर पुलिस कमिश्नर पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले में बार अध्यक्ष ने पुलिस कमिश्नर की ओर से कोर्ट में पक्ष रखा। फर्जी दस्तावेजों से वकालत करने के आरोप के चलते यह वाद दाखिल किया गया था।

यूपी के कानपुर में एक अधिवक्ता ने कानपुर पुलिस कमिश्नर पर मानहानि का मुकदमा किया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में यह वाद विचाराधीन है। मंगलवार को बार अध्यक्ष ने पुलिस कमिश्नर की ओर से कोर्ट में पक्ष रखा। अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी। फर्जी दस्तावेजों से वकालत करने के आरोप के चलते यह वाद दाखिल किया गया था।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदीवर वाजपेई ने बताया कि अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने मानहानि वाद दाखिल किया था। उन्होंने कहा कि वह समाज में एक अच्छा स्थान रखते हैं। उनके द्वारा फर्जी डिग्री की शिकायत करके उनके सम्मान और प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। अध्यक्ष ने बताया कि इसी आधार पर उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर और अधिवक्ता अरिदमन सिंह को पक्षकार बनाते हुए मानहानि का वाद दाखिल किया है। दोनों पक्षकारों से उन्होंने 12.50-12.50 लाख रुपये दिलाए जाने की मांग भी कोर्ट से की है।
अध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में मंगलवार को उन्होंने कोर्ट में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की ओर से जवाब दाखिल किया। उधर, वाद दाखिल करने वाले अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि उन्होंने स्पेशिफिक रिलीफ एक्ट के तहत डेक्लेरेशन सूट दाखिल किया था। केस दाखिल करने के 13 दिन बाद उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज से डिग्री लेने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी, जिसकी संभावना उन्होंने दाखिल वाद में जतायी थी। मंगलवार को इस मामले में कोई तारीख नहीं थी।
अंतरिम जमानत निरस्त की दी अर्जी
फर्जी डिग्री मामले में आरोपी अधिवक्ता आशीष शुक्ला उर्फ आशू को मिली अंतरिम जमानत निरस्त कराने के लिए पुलिस ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। सुनवाई चार जून को होगी। अधिवक्ता आशीष शुक्ला पर फर्जी व कूटरचित शैक्षिक प्रमाण पत्र से विधि की डिग्री हासिल करने के आरोप में कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। डीजीसी दिलीप अवस्थी ने बताया कि आशीष को शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी गई थी।