कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सालेह मोहम्मद का पूर्व PA निकला PAK जासूस शकूर
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Pakistani Spy Shakur Khan Story : राजस्थान के जैसलमेर से सरकारी क्लर्क शकूर खान को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. वह राजस्थान की कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री…और पढ़ें

शकूर खान जैसलमेर का रहने वाला है.
हाइलाइट्स
- शकूर खान पाकिस्तानी जासूस के रूप में गिरफ्तार.
- शकूर खान मंत्री सालेह मोहम्मद का पूर्व पीए था.
- शकूर खान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कंट्रोल रूम में तैनात था.
जैसलमेर. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तानों जासूसों को पकड़ने के लिए खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने ‘ऑपरेशन मीर जाफर’ शुरू किया तो भारत के अंदर गद्दारों और देशद्रोहियों की रोजाना नाम जुड़ते जा रहे हैं. अब नया आया राजस्थान के जैसलमेर से पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस शकूर खान का जुड़ गया है. शकूर खान को पकड़ा जाना इसलिए चौंकाता है क्योंकि एक तो वो सरकारी कर्मचारी था. दूसरा ऑपरेशन सिंदूर के वक्त वो जैसलमेर में कंट्रोल रूम में तैनात था. जैसलमेर पश्चिम सीमा पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के वार हैड क्वर्वाटर का काम कर रहा था. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह कि यह जासूस कांग्रेस नेता और गहलोत सरकार में मंत्री रहे सालेह मोहम्मद का पीए रहा था.
वैसे तो शकूर खान का आज से पहले परिचय था कि वो जैसलमेर में रोजगार कार्यकाल में क्लर्क है जिसने ऑपरेशन सिंदूर के वक्त जिला कंट्रोल रूम में ड्यूटी निभाकर युद्ध में देश सेवा का काम किया. लेकिन इसी शकूर खान की जब असलियत सामने आई तो सब चौंक गए. उसे राजस्थान की खुफिया एजेंसी सीआईडी ने हिरासत में लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ के लिए उसे जैसलमेर से जयपुर लाया गया है.
पाक जासूस शकूर खान.
शकूर के पाकिस्तान उच्चायोग में संपर्कों की जानकारी मिली है
शकूर खान पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है. जांच में सामने आया है कि वो सात बार पाकिस्तान जाकर आ चुका है. उसके मोबाइल और डिवाइस जब्त कर लिए गए हैं. उनकी जांच की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों को उसके पाकिस्तान उच्चायोग में संपर्कों की जानकारी मिली है. लेकिन चिंता और चौंकाने वाली बात यह है कि शकूर खान कांग्रेस के सीनियर नेता और गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद का निजी सचिव भी रहा है.
कांग्रेस नेता सालेह मोहम्मद और शकूर के गहरे हैं संबंध
आरोप है कि वह सालेह मोहम्मद के साथ यात्राओं पर भी गया था. शकूर खान और सालेह मोहम्मद के संबध इतने मजबूत थे कि दोनों एक साथ मक्का हज यात्रा पर भी गए थे. हज यात्रा की दोनों की तस्वीरें सोशल मिडिया पर वायरल हो रही हैं. बीजेपी के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट कर शकूर खान के सालेह मोहम्मद के साथ संबधों का खुलासा किया और कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं राजस्थान बीजेपी के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्धाज ने भी कांग्रेस से इस मामले में जबाब मांगा है.
गाजी फकीर का सीमा के दोनों तरफ रसूख था
शकूर खान जैसलमेर के पास मंगणियों की ढाणी का रहने वाला है. 10 मई को सुबह चार बजे पाकिस्तान की ओर से दागी मिसाइल का मलबा इसी ढाणी पर गिरा था. हालांकि उससे जान माल का नुकसान नहीं हुआ था. शकूर खान के साथ सालेह मोहम्मद के संबधों से सुरक्षा एजेंसियां सकते में है. सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर सिंधी मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु माने जाते थे. गाजी फकीर का जितना रसूख सीमा के इस पार जैसलमेर में था उतना ही सीमा के उस पार पाकिस्तान में भी था.
पंकज चौधरी ने खोली थी गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट
गाजी फकीर चुनाव में फतवे को लेकर भी चर्चा में रहते थे. वो पाकिस्तान में पीर पगारों में धार्मिक आस्था रखते थे. 2013 में जैसलमेर के एसपी रहे पंकज चौधरी कहते हैं कि जब वो जैसलमेर एसपी तैनात हुए तो देखा कि गाजी फकीर का परिवार लगातार सीमा पार पाकिस्तान में रहमियार खान आता-जाता था. तब उनको उनकी गतिविधियां संग्दिध लगी. चौधरी ने गाजी फकीर के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोल दी थी. गाजी फकीर के बेटे सालेह मोहम्मद के खिलाफ भी उनके पेट्रोल पंप से हथियार बरामद होने पर केस दर्ज किया था. लेकिन चौधरी के इतना करते ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चौधरी को न सिर्फ जैसलमेर के एसपी पद से हटा दिया था बल्कि लंबे समय तक फील्ड पोस्टिंग न देकर सजा भी दी थी.
सरकार साथ देती तो वो पूरा कच्चा चिट्ठा खोल देते
चौधरी कहते हैं कि अगर उस वक्त सरकार साथ देती तो वो पूरा कच्चा चिट्ठा खोल देते. उनके पास काफी इंटेलिजेंस इनपुट था इस परिवार के खिलाफ. हालांकि अभी तक सालेह मोहम्मद की कोई भूमिका सामने नहीं आई है. लेकिन आगे शकूर खान से पूछताछ में तस्वीर साफ होगी कि सालेह मोहम्मद ने उसकी किसी तरह मदद की थी या नहीं. हालांकि कांग्रेस ने सफाई दी कि शकूर खान सरकारी कर्मचारी है. एजेंसियां उससे पूछताछ कर पता लगाए कि उसने क्या जासूसी की थी.
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संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
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