कांग्रेस बेनकाब… कनाडा के संग रिश्तों पर BJP का तंज, कहा- मजाक उड़ाया था

India Canada Relation: भारत और कनाडा ने कूटनीतिक संबंधों में एक नया पन्ना जोड़ दिया है. दोनों देशों ने सीमा पार अपराधों और आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने का समझौता किया है. इस बड़े फैसले की जानकारी बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने दी है. उन्होंने X पर ब्लूमबर्ग की एक खबर शेयर कर कांग्रेस पर निशाना साधा.

उन्होंने X पर अपने पोस्ट में लिखा, ‘बड़ा अपडेट: भारत और कनाडा ने आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध पर खुफिया जानकारी साझा करने का समझौता किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ी कूटनीतिक जीत. तनाव के बीच भी राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दी गई. कांग्रेस के नकारात्मक लोगों ने मजबूत विदेश नीति का मजाक उड़ाया था. आज वही लोग बेनकाब हो गए हैं.’

पढ़ें- Iran Israel War: इजरायल-ईरान जंग पर PM मोदी और रूस का बयान देख लीजिए, संदेश अमेरिका को है

दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक भारत और कनाडा की सरकारें अपराध, आतंकवाद और कट्टरपंथ पर जानकारी साझा करने के लिए एक नया ढांचा तैयार कर रही हैं. दो साल पहले कनाडा ने भारत पर वैंकूवर में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या करवाने का आरोप लगाया था. हालांकि भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था. अब इस नए कदम से दोनों देशों में भरोसा फिर बहाल होने की उम्मीद है.

रिपोर्ट बताती है कि समझौते की पूरी जानकारी G7 समिट में सार्वजनिक की जा सकती है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात भी प्रस्तावित है. हालांकि, एयर इंडिया विमान हादसे और मिडिल ईस्ट में इजराइल-ईरान युद्ध के कारण प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा में बदलाव हो सकता है. हादसे में 242 लोगों में से केवल एक ही बच पाया.

2023 से तनाव, अब नया मोड़
भारत और कनाडा के रिश्ते 2023 से तल्ख चल रहे हैं. तब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारत पर ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर के एक गुरुद्वारा के बाहर सिख अलगाववादी नेता की हत्या करवाने का आरोप लगाया था. भारत सरकार ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ बताया और कनाडा पर सिख अलगाववादियों को पनाह देने का दोष लगाया. कनाडाई पुलिस ने भी भारत सरकार पर सिख कनाडाई नागरिकों की हत्या और जबरन वसूली जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.

इसी विवाद के चलते दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, वीजा मंजूरी पर रोक लगा दी और रिश्ते काफी निचले स्तर पर पहुंच गए. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक फिर भी दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां इस दौरान भी आपसी संपर्क में रहीं और जरूरी जानकारियां आपस में साझा करती रहीं. अब इस नए समझौते से रिश्तों में नए भरोसे की उम्मीद जगी है.

Credits To Live Hindustan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *