कैसे हैं कोरोना के नए लक्षण और ये कितने खतरनाक? डॉक्टर से जानें कितना डरने की जरूरत


भारत में कोविड-19 के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 31 मई 2025 तक देश में कोविड के सक्रिय मामले 2710 तक पहुंच गए हैं. वहीं, कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. इनमें ज्यादातर वे लोग शामिल हैं, जो पहले से अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे. हालांकि, कोविड का नाम सुनते ही लोगों के मन में 2020 और 2021 की भयावह तस्वीरें उभरने लगती हैं. ऐसे में डॉक्टर से जानते हैं कि कोरोना के नए वैरिएंट से कितना डरने की जरूरत?
राज्यों में कितने हैं कोविड-19 के केसेज?
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल 2710 सक्रिय कोविड मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से केरल में सबसे अधिक 1147 मामले हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र में 424, दिल्ली में 294, गुजरात में 223, तमिलनाडु और कर्नाटक में 148-148 मामले हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल (116), राजस्थान (51), उत्तर प्रदेश (42), पुडुचेरी (35), हरियाणा (20), आंध्र प्रदेश (16), मध्य प्रदेश (10), गोवा (7), ओडिशा (5), पंजाब और जम्मू-कश्मीर (4-4), छत्तीसगढ़ और तेलंगाना (3-3), अरुणाचल प्रदेश (3), असम और मिजोरम (2-2), चंडीगढ़ और उत्तराखंड (1-2) केस अब तक मिल चुके हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर?
कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति अभी चिंताजनक नहीं है. दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. उज्ज्वल प्रखर के मुताबिक, कोविड अब एक सामान्य वायरल इंफेक्शन की तरह व्यवहार कर रहा है. पहले कोविड के लक्षण गंभीर थे जैसे स्वाद और गंध की हानि, लेकिन अब इसके लक्षण सामान्य वायरल इंफेक्शन जैसे खांसी, जुकाम और बुखार तक सीमित हो गए हैं. डॉ. उज्ज्वल ने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों में कमजोर प्रतिरक्षा के कारण कोविड या किसी अन्य संक्रमण से खतरा अधिक हो सकता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने भी कहा कि वर्तमान में फैल रहे ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स (LF.7, XFG, JN.1, और NB.1.8.1) गंभीर नहीं हैं. ये वैरिएंट भारत में हाल के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन इनसे गंभीर बीमारी का खतरा कम है. विशेषज्ञों का कहना है कि 140 करोड़ की आबादी में 2710 मामले नगण्य हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.
सावधानियां और बचाव के उपाय
पिछली कोविड वेव के दौरान सरकार ने सख्त प्रोटोकॉल लागू किए थे. इनमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और लॉकडाउन आदि चीजें शामिल थीं. हालांकि, वर्तमान स्थिति में ऐसे सख्त उपायों की जरूरत नहीं है. डॉ. उज्ज्वल ने सुझाव दिया कि जो लोग बीमार हैं, उन्हें खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और दूसरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए. सामान्य सावधानियां जैसे नियमित हाथ धोना, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और स्वच्छता बनाए रखना अब भी महत्वपूर्ण हैं. विशेष रूप से बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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