कैंसर का कारण भी बन सकता है विटामिन डी, जानें कब हो जाता है खतरनाक? ये पांच लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क


विटामिन डी शरीर के लिए एक जरूरी न्यूट्रिएंट्स है. यह शरीर में हार्मोन, कैल्शियम, मसल्स, इम्युन फंक्शन के साथ ब्रेन की एक्टिविटी में भी अहम भूमिका निभाता है, लेकिन जरूरत से अधिक शरीर में इस विटामिन की मात्रा नुकसानदायक भी हो सकती है. ऐसे में ये जान लेना जरूरी है कि हमें हेल्दी बाॅडी के लिए कितना विटामिन डी लेना चाहिए? विटामिन डी की मात्रा अधिक होने पर बाॅडी किस तरह रिएक्ट करती है, इसके पांच साइन हम जानेंगे, जब हमें सतर्क होने की जरूरत होती है.
कब हो जाता है खतरनाक?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार कुछ महीनों तक रोज 60 हजार आईयू (इंटरनेशनल) विटामिन डी लेने पर शरीर में ये टाॅक्सिटी (विषैले पदार्थ) का कारण बन सकता है. इसे विटामिन डी टाॅक्सिटी या हाइपरविटामिनोसिस कहते हैं.
विटामिन डी की किसे कितनी जरूरत?
एक साल या उससे अधिक बड़े बच्चे, एडल्ट, प्रेगनेंट या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में विटामिन डी की कमी हो सकती है. जिसे पूरा करने के लिए उन्हें रोज 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है. एक्सपर्ट्स की ओर से एक साल से छोटे बच्चों के लिए 8.5 से 10 माइक्रोग्राम डेली विटामिन डी की सलाह दी जाती है.
विटामिन डी अधिक होने पर ऐसे रिएक्ट करती है बाॅडी
भूख कम लगना: शरीर में विटामिन डी की ओवरडोज होने पर भूख कम लगने लगती है. कुछ खाने का मन नहीं करता है. विटामिन डी की अधिक मात्रा से खून में कैिल्शयम जमा होना शुरू हो सकता है, जिसे हाइपरकैल्शीमिया कहते हैं. इससे जी मचलना, उल्टी, कमजोरी आदि के लक्षण सामने आते हैं.
पेट में कब्ज: विटामिन डी टाॅक्सिटी का असर डाइजेशन सिस्टम पर भी देखने को मिल सकता है. शरीर में कैिल्शयम कार्बोनेट बढ़ जाने से पेट में बाउल मूवमेंट बिगड़ जाता है. इससे कब्ज की समस्या होने लगती है.
सुस्ती महसूस होना: थकान और सुस्ती होना शरीर में हाइपरकैल्सीमिया का सामान्य लक्षण है, जो अधिक मात्रा में विटामिन डी के सेवन से हो सकता है. इसका सीधा असर डेली एक्टिविटीज पर पड़ता है.
कैंसर का जोखिम: एक्सपर्ट्स के अनुसार विटामिन डी की अधिक मात्रा कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है. इसके साथ ही हार्ट डिजीज और बोन फ्रैक्चर का भी रिस्क भी बढ़ सकता है.
बार-बार यूरिन जाना: बार-बार पेशाब जाना भी विटामिन डी ओवरडोज के चलते हो सकता है. हालांकि इस तरह के लक्षण डायबिटीज और किडनी डिजीज में भी देखने को मिल सकते हैं.
बोन पेन: हड्डियों में दर्द विटामिन डी की कमी का एक लक्षण है. लेकिन शरीर में विटामिन डी टाॅक्सिटी होने पर भी हड्डियों से जुड़ी समस्या सामने आती हैं.
ऐसे करें खुद का बचाव
एक्सपर्ट्स के अनुसार फैटी फिश, सैल्मन, ट्यूना, सार्डिन्स, एग याॅक, काॅड लिवर ऑयल और सुबह की सनलाइट शरीर के लिए विटामिन डी आइडल डोज में कारगर हो सकते हैं.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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