क्या सिद्धरमैया ने मुसलमानों की आबादी बढ़ाकर दिखाई? कर्नाटक पर गजब खुलासा
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Muslim reservation: कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय की आबादी को लेकर अलग-अलग आंकड़े सामने आए है, जिससे सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष पूछ रहा कि क्या सिद्धरमेया सरकार मुसलमानों की आबादी जानबूझकर बढ़ाकर दिखा रही है.

कर्नाटक में जाति जनगणना को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. (Photo-PTI)
हाइलाइट्स
- कर्नाटक में जाति जनगणना से मुस्लिम समुदाय को लेकर अलग-अलग आंकड़े आए हैं.
- कई रिपोर्ट में मुस्लिमों की आबादी ज्यादा तो कुछ में कम बताई गई है.
- विपक्ष का सिद्धरमैया से सीधा सवाल, क्या ज्यादा आरक्षण देने की कोशिश हो रही है.
हरीश उपाध्याय. कांग्रेस नेता राहुल गांधी जाति जनगणना को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं. लेकिन कर्नाटक में उनकी ही सरकार के जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों और जनगणना के आंकड़ों में मुस्लिम आबादी को लेकर बड़ा गड़बड़झाला नजर आया है. इसमें मुसलमानों की आबादी अलग-अलग बताई गई है. अब विपक्ष का कहना है कि सिद्धरमैया सरकार मुस्लिम आबादी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है. CNN-News18 के पास एक्सक्लूसिव डिटेल्स हैं, जिनसे पता चलता है कि मुस्लिम समुदाय की आबादी को लेकर कैसे अलग-अलग डॉक्यूमेंट में अलग-अलग आंकड़े पेश किए गए हैं.
जातिगत जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय को II B श्रेणी में रखा गया है. लेकिन इसमें आंकड़े अलग-अलग हैं. इन भिन्न-भिन्न आंकड़ों ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह गलती अनजाने में हुई या जानबूझकर मुस्लिम आबादी को बढ़ाकर दिखाने की कोशिश की गई. विपक्षी दल बीजेपी और जेडीएस ने इसे सिद्धरमैया सरकार की तुष्टिकरण नीति का हिस्सा करार दिया है.
- कहां कहां गड़गबड़ी?
- उप-जातियों (Sub Caste) के आधार पर मुस्लिम आबादी 76,99,425 बताई गई है, जो राज्य की कुल आबादी का 12.87% है.
- दूसरे आंकड़ा में सभी श्रेणियों के आधार पर मुस्लिम आबादी 59,51,038 बताई गई है, जो कुल आबादी का 9.95% है.
- इसी तरह तीसरा आंकड़ा पेश किया गया है, जिसमें अधिक आरक्षण की सिफारिश में मुस्लिम आबादी को 75,25,880 दिखाया गया है, जो 12.58% है. लेकिन इसे ‘गलती’ से 18.08% दिखा दिया गया है. यह गलती इसलिए हुई, क्योंकि कॉलम को ‘परसेंटेज ऑफ टोटल पॉपुलेशन’ के बजाय ‘परसेंटेज ऑफ टोटल OBC पॉपुलेशन’ लेबल करना चाहिए था.
ओबीसी कमीशन की सिफारिशें
ओबीसी कमीशन अपनी रिपोर्ट में कई अहम सिफारिशें की हैं. पहला, बैकवर्ड क्लास की मौजूदा 32% आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 51% करने की सलाह दी गई है. कमीशन का तर्क है कि राज्य में पिछड़ा वर्ग की आबादी 70% है, इसलिए आरक्षण भी उसी हिसाब से होना चाहिए. दूसरा, बैकवर्ड क्लास यानी पिछड़ा वर्ग के लिए शैक्षिक संस्थानों में भी 51% आरक्षण की सिफारिश की गई है. लेकिन सबसे ज्यादा विवाद मुस्लिम समुदाय के लिए मौजूदा 4% आरक्षण को बढ़ाकर 8% करने करने को है.
अलग-अलग रिपोर्ट-अलग-अलग आंकड़े! |
क्लास | आबादी | क्लास | आबादी |
1A | 34,96,638 | 3A | 72,99,577 |
1B | 73,92,313 | 3B | 1,54,37,113 |
2A | 77,78,209 | OBC | 4,16,30,153 |
2B (मुस्लिम) | 75,25,880 | अनुसूचित जाति (SC) | 1,09,29,347 |
अनुसूचित जनजाति (ST) | 42,81,289 | सैंपल साइज | 5,98,14,942 |
मुसलमानों को ज्यादा आरक्षण देने का खेल तो नहीं?
विपक्ष ने इस रिपोर्ट को बकवास बताते हुए खारिज कर दिया है. कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, यह ऐसी जनगणना है, जो हर-घर तक नहीं पहुंची. इसका मकसद जातियों में फूट डाला है. मुस्लिम आबादी को 18.08% दिखाना एक जानबूझकर की गई गलती है, ताकि उनके लिए अधिक आरक्षण को जायज ठहराया जा सके. लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों ने भी इस रिपोर्ट को खारिज किया है. ऑल इंडिया वीरशैव लिंगायत महासभा के अध्यक्ष शंकर बिदारी ने दावा किया कि लिंगायत आबादी को 66 लाख दिखाया गया है, जबकि वास्तव में यह 3 करोड़ के करीब है. उन्होंने नई जनगणना की मांग की है.
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