क्या बेटों को देने के बजाय पिता दान कर सकता है प्रॉपर्टी, जानें अपने अधिकार
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Property Gift Law : बॉलीवुड स्टार जैकी चैन ने अपनी 4000 करोड़ की संपत्ति दान कर दी और बेटों को कुछ नहीं दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारतीय पिता भी ऐसा कर सकता है. इस मामले में भारत का उत्तराधिकार कानू…और पढ़ें

भारतीय पिता सिर्फ खुद अर्जित की गई संपत्ति ही दान कर सकता है.
हाइलाइट्स
- जैकी चैन ने 4000 करोड़ की संपत्ति दान की.
- भारतीय पिता भी अपनी अर्जित संपत्ति दान कर सकते हैं.
- पैतृक संपत्ति दान करने के लिए बेटों की अनुमति जरूरी है.
नई दिल्ली. हॉलीवुड अभिनेता जैकी चैन किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. अपने शानदार एक्शन और स्टंट की वजह से वह हमेशा सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन इस बार उनकी चर्चा जिस वजह से हो रही है, वह अपने आप में अनोखी है. एक तरफ जहां दुनियाभर के लोग अपने बेटों के लिए संपत्ति जुटाने के लिए जी-जान से जुटे रहते हैं, वहीं जैकी चैन ने अपनी सारी संपत्ति बेटों को देने के बजाय शिक्षा के लिए दान कर दी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारतीय पिता भी ऐसा कर सकता है. इस बारे में हमारा उत्तराधिकार कानून क्या कहता है.
जैकी जैन ने अपनी 4,000 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है. अगर एक भारतीय पिता ऐसा करना चाहे तो क्या वह ऐसा कर सकता है. इस बारे में उत्तराधिकार कानून क्या कहता है. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 2005 कहता है कि एक भारतीय पिता भी अपनी संपत्ति को जिसे चाहे दान कर सकता है. वह चाहे अपने बेटे को दे सकता है या बेटी को अथवा अन्य किसी व्यक्ति या संस्था को भी दान कर सकता है. हालांकि, इसके लिए भी खास तरह की कंडीशन को फॉलो करना पड़ता है.
कौन सी संपत्ति कर सकते हैं दान
भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत कोई व्यक्ति सिर्फ उसी संपत्ति को दान कर सकता है, जो उसने खुद अर्जित की है. इसमें चल और अचल दोनों ही तरह की संपत्तियां आती हैं. ऐसी संपत्ति पर उस व्यक्ति का पूरा अधिकार होता है और वह जिसे चाहे दान कर सकता है. इसमें कोई करीबी, परिवार का व्यक्ति, कोई बाहरी व्यक्ति या फिर संस्था भी शामिल हो सकती है. ऐसी संपत्ति पर बेटे कोई दावा नहीं कर सकते हैं. व्यक्ति चाहे तो इस संपत्ति को बेच सकता या फिर बिना किसी से पूछे दान कर सकता है.
इन प्रॉपर्टीज को नहीं कर सकते दान
अगर संपत्ति पैतृक है और पूर्वजों से आई है तो इसे कोई भी व्यक्ति दान नहीं कर सकता है. ऐसी संपत्ति को दान करने या बेचने से पहले बेटों की अनुमति लेना जरूरी है. हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत ऐसी कोई संपत्ति जो पूर्वजों से आई है, उसमें बेटों का भी जन्मजात हक होता है और वह भी बराबर का अधिकार रहता है. ऐसी संपत्ति को बिना बेटों की अनुमति के दान या बेचा नहीं जा सकता है. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 2005 के अनुसार, बेटियों को भी पिता की संपत्ति में बेटों के बराबर ही अधिकार प्राप्त है, चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित.
संपत्ति दान करने की प्रक्रिया
- अगर संपत्ति दान करना है तो उसे संपत्ति दान पत्र (Gift Deed) के माध्यम से करना चाहिए, जो कानूनी रूप से मान्य हो.
- संपत्ति दान करते समय रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान जरूरी होता है.
- अगर दान कोई शर्तों के साथ किया गया है या कोई वसीयत (Will) बनी है, तो वह भी असर डाल सकती है.
- कुछ परिस्थितियों में बेटों को अवैध वंचित (Legal Heirs) के तौर पर अधिकार हो सकते हैं, इसलिए पूरी जानकारी और सलाह के लिए वकील से परामर्श करना अच्छा होगा.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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