जनेऊ से नकल…कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कलबुर्गी में छात्र से उतरवाया जनेऊ
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कर्नाटक में एक छात्र को जनेऊ उतारने के लिए मजबूर किया गया. इसके बाद उसको परीक्षा हाल में जाने की इजाजत दी गई. लोगों को ये समझ में नहीं आया कि जनेऊ से नकल कैसे हो सकती है.

कर्नाटक में एक छात्र से परीक्षा के पहले जनेऊ उतरवाया गया. (Image: IANS)
हाइलाइट्स
- कर्नाटक में छात्र को जनेऊ उतारने पर ही परीक्षा देने दी गई.
- ब्राह्मण समुदाय ने परीक्षा केंद्र के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
- सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, धार्मिक आजादी पर रोक की आलोचना.
कलबुर्गी. कर्नाटक के कलबुर्गी के सेंट मेरीज स्कूल में राष्ट्रीय स्नातक पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के दौरान एक विवाद सामने आया, जब परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने एक छात्र को कथित तौर पर जनेऊ उतारने को कहा. अधिकारियों का कहना था कि छात्र श्रीपद पाटिल को परीक्षा केंद्र में जनेऊ पहनकर प्रवेश नहीं मिलेगा, इसे उतारने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत दी जाएगी. इसके बाद ब्राह्मण समुदाय के लोग परीक्षा केंद्र के सामने इकट्ठा हो गए और विरोध-प्रदर्शन करने लगे. साथ ही, अधिकारियों के इस कदम की निंदा करते हुए जिम्मेदारी तय करने की मांग की.
प्रदर्शनकारी सुधीर पाटिल ने कहा कि ‘मेरा बेटा परीक्षा देने के लिए आया था, लेकिन इन लोगों ने कहा कि वह जनेऊ के साथ अंदर नहीं जा सकता. मैंने इनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे भीतर आने की अनुमति नहीं दी. मेरे बेटे ने जनेऊ मेरे हाथ में दे दिया और वह परीक्षा देने चला गया. यह गलत है, जनेऊ हमारे धार्मिक संस्कारों का हिस्सा है.’
विरोध-प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, जिसके बाद कई संगठनों और लोगों ने इस पर आपत्ति जताई. कई लोगों ने इसे धार्मिक आजादी पर रोक करार दिया और अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की. उल्लेखनीय है कि रविवार को देशभर में राष्ट्रीय स्नातक पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी)- 2025, आयोजित की गई थी. इसमें 22.7 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए.
यह परीक्षा देशभर के 500 से अधिक शहरों में 5,453 केंद्रों पर आयोजित हुई. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. एनटीए ने गर्मी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित कराई. एनटीए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सभी परीक्षा केंद्र पीने के पानी, बिजली, पोर्टेबल शौचालय (यदि आवश्यक हो) और प्राथमिक चिकित्सा और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं सहित बुनियादी सुविधाओं से लैस हों.
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