जिस नाग वंश की रक्षा की खाई थी कसम स्नेक मैन को उसी कुनबे के संपोले ने डस लिया
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Samastipur News: समस्तीपुर का एक शख्स ने हजारों जहरीले सांप को लोगों से बचकर अब तक नई जिंदगी दी, लेकिन नागवंश के रक्षक की जान एक एक जहरीले सांप ने रेस्क्यू के दौरान ले ली.क्या है पूरा मामला पढ़िये इस रिपोर्ट मे…और पढ़ें

मशहूर स्नेक मैन जय कुमार सहनी की सांप के काटने से मौत.
हाइलाइट्स
- समस्तीपुर के स्नेक मैन जय कुमार सहनी की सांप के काटने से मौत.
- एक जहरीले सांप के काटने से स्नेक मैन जय कुमार सहनी मौत हुई.
- जहरीले सांप के रेस्क्यू के दौरान काट लिया, अस्पताल में हो गई मौत.
समस्तीपुर. ताजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बसही भिंडी वार्ड-3 के रहने 35 वर्षीय जय कुमार सहनी जिन्हें लोग स्नेक मैन और सांपों का रक्षक कह कर बुलाते थे. हजारों सांपों को अब तक उन्होंने जिंदगी दी थ. समस्तीपुर जिला ही नहीं पड़ोस के भी जिले में जाकर ये सांपों को बचाने का काम करते थे. साथ ही सांपों से होने वाले फायदे के भी जानकारी वह आम लोगों को देते थे. सांप से लोग कैसे बचें और अगर काट ले तो क्या करें, इसके लिए वह लोगों को जागरुक भी करते थे. लेकिन जिस नाग वंश (सांप) की रक्षा की मुहिम जय ने छेड़ रखी थी उस मुहिम को गति देने वाला इंसान अब इस दुनिया में नहीं रहे. जिस नाग वंश की रक्षा के लिए वह हमेशा तैयार रहते थे, उसी नाग वंश के एक जहरीले सांप ने उसे डस लिया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
बता दें कि जय कुमार सहनी पिछले पांच वर्षों से सांपों का रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाने का काम कर रहे थे. उन्हें जिलेभर में लोग प्यार से स्नेक मेन और सांपों का मसीहा कह कर पुकारते थे. सोशल मीडिया पर उनके द्वारा सांप पकड़ने के वीडियो काफी चर्चित रहते थे. बताया जाता है कि उन्होंने अब तक 2000 से अधिक सांपों का रेस्क्यू किया था और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा था. बीते बुधवार को उन्हें दोपहर में पास के गांव से फोन आया, जहां एक विषैला सांप देखा गया था. जय तुरंत मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू की कोशिश करने लगे.
स्नेक मैन जय कुमार सिंह को बचाया न जा सका
रेस्क्यू के दौरान सांप ने उनके दाहिने हाथ के अंगूठे में काट लिया. घटना के तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. परिजनों और ग्रामीणों की मदद से उन्हें समस्तीपुर सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.एक छोटी सी चूक ने आज जयकुमार सहनी की जान ले ली. जिसने हजारों सांपों को जिंदगी थी वह खुद सांप का शिकार हो गया. यह घटना उन युवाओं को एक सीख देती है जो बिना सोचे कुछ भी करने को आगे बढ़ जाते हैं. सावधानी हटी और दुर्घटना हुई. कहा जा सकता है कि इसका नतीजा है आज जय कुमार सहनी इस दुनिया को अलविदा कह कर हमेशा हमेशा के लिए चले गए.
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