जिस चिनाब नदी पर पानी रोका है, उसी पर बने पुल से छूटते हैं पाक को पसीने

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भारत ने पाकिस्‍तान पर कार्रवाई करते हुए बगलिहार डैम के गेट बंद कर दिए हैं. इससे पाक तिलमिला गया है. हालांकि इस नदी पर बने पुल ने पहले भी पास के पसीने छुड़ा दिए थे. जानिए वजह-

जिस चिनाब नदी पर पानी रोका है, उसी पर बने पुल से छूटते हैं पाक को पसीने

भारत ने पुल के बहाने बनाया है विश्‍व रिकार्ड.

हाइलाइट्स

  • विश्‍व का सबसे ऊंचा पुल बना है इसी नदी में
  • ट्रेनों के चलने के लिए तैयार है यह ब्रिज
  • एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है यह

नई दिल्‍ली. पहलगाम नरसंहार के बाद भारत ने पाकिस्‍तान पर कार्रवाई करते हुए बगलिहार डैम के गेट बंद कर दिए हैं. इससे चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान की ओर बहना रुक गया है. इससे पाकिस्‍तान तिलमिला गया है. चिनाब नदी का पानी मुख्यत: सिंचाई और पीने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है. हालांकि इस नदी पर बने पुल ने पहले भी पाकिस्‍तान के पसीने छुड़ा दिए थे. क्‍योंकि उड़े थे पाकिस्‍तान के होश, आइए जानेंं-

भारतीय रेलवे ने कश्‍मीर घाटी को रेल मार्ग से पूरे देश को जोड़ने के लिए चिनाब नदी पर पुल बनाया है. यह पुल अपने आप में अनूठा है. इस वजह से निर्माण के साथ ही पाकिस्‍तान के होश उड़ गए थे. पाकिस्‍तान के परेशान होने की सबसे बड़ी वजह यह पुल विश्‍व का सबसे ऊंचा आर्च पुल है.
पुल की खासियत

यह पुल पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर हे. कटरा से बनिहाल तक बनी इस रेलवे लाइन पर चेनाब नदी पद 1.03 किमी. लंबा ब्रिज बना है. यह ब्रिज नदी तल से 359 मीटर ऊपर बना है.इसकी मदद से कटरा से बनिहाल तक कनेक्‍ट हुई है, जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना हिस्सा है. आधुनिक तकनीक से बना यह ब्रिज 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना करने में भी सक्षम है और इसकी उम्र120 साल है. एफिल टॉवर से लगभग 35 मीटर लंबा है. इस लाइन पर कुल 927 छोटे बड़े पुल है, इनकी संयुक्त लंबाई 13 किम हे.

कुल 119 किमी. सुरंग

यूएसबीआरएल परियोजना में कुल 38 सुरंगें (संयुक्त लंबाई 119 किमी) शामिल हैं, सबसे लंबी सुरंग (टी-49) की लंबाई 12.75 किमी है और यह देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है.

2009 में शुरू हुआ था निर्माण का काम

118 किमी लंबे काजीगुंड-बारामूला खंड को कवर करने वाली परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन अक्टूबर 2009 में किया गया था. जून 2013 में 18 किमी लंबे बनिहाल-काजीगुंड खंड और जुलाई 2014 में 25 किमी लंबे उधमपुर-कटरा खंड का उद्घाटन चरणों में हुआ.

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