जिस भूकंप से गई थी 80000 लोगों की जान,वो चिनाब रेल ब्रिज को हिला भी नहीं सकेगा

जम्मू. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जिस ‘चिनाब रेल ब्रिज’ की सौगात देने जा रहे हैं, वह ऐतिहासिक पुल न केवल कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ेगा, बल्कि यह ताकत के मामले में भी बेजोड़ है. छोटे-मोटे भूकंप से भी इसका कुछ नहीं बिगड़ने वाला. साल 2005 में एक भूकंप ने जम्मू-कश्मीर सहित पीओके और अफगानिस्तान में ऐसी तबाही मचाई कि उसकी यादें आद भी लोगों की जेहन में ताजा हैं. रिक्टर स्केल पर 7.6 वाले उस भूकंप में करीब 80000 लोग मारे गए थे. लेकिन अगर आज के समय में ऐसा भूकंप आया, तो वह ‘चिनाब रेल ब्रिज’ को डिगा भी नहीं पाएगा. आइए जानते हैं क्यों?
एफिल टावर से 35 मीटर और कुतुब मीनार से 287 मीटर ऊंचा
जम्मू और कश्मीर में स्थित यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है. यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली की मशहूर कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ऊंचा है. 2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज कई मायनों में खास है. इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है. यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं. इसके ढांचे में 333 पाइल हैं. इसमें एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, उन्नत स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा. इस ब्रिज के निर्माण ने भारत की डिजाइन और सर्टिफिकेशन में तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया है.
2005 का कश्मीर भूकंप, 8 अक्टूबर 2005 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत (NWFP; जिसे 2010 के बाद खैबर पख्तूनख्वा कहा जाता है) में आया विनाशकारी भूकंप; इसने भारत और अफ़गानिस्तान के आस-पास के हिस्सों को भी प्रभावित किया. कश्मीर में कम से कम 79,000 लोग मारे गए और 32,000 से ज़्यादा इमारतें ढह गईं. इस भूकंप के गिनती की दुनिया के सबसे विनाशकारी भूकंपों में होती है.
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.6 थी
विनाशकारी भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 8:50 बजे (03:50 UTC) आया, जिसका केंद्र पीओके के प्रशासनिक केंद्र मुज़फ़्फ़राबाद से 12 मील (19 किमी) उत्तर-पूर्व में और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से लगभग 65 मील (105 किमी) उत्तर-उत्तर-पूर्व में स्थित था. 7.6 की तीव्रता (1906 के सैन फ़्रांसिस्को भूकंप से थोड़ा कम) मापे गए इस भूकंप ने उत्तरी पाकिस्तान, उत्तरी भारत और अफ़गानिस्तान में भारी तबाही मचाई, यह एक ऐसा क्षेत्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर की ओर टेक्टोनिक बहाव के कारण एक्टिव फॉल्ट पर स्थित है.
मुजफ्फराबाद क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था, और वहां कई गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए थे. कश्मीर क्षेत्र के विभिन्न शहरों में कम से कम 32,335 इमारतें ढह गईं – जिसमें भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य (अब केंद्र शासित प्रदेश) में अनंतनाग और श्रीनगर शामिल हैं – इसके अलावा पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और गुजरात जैसे शहरों में भी संपत्ति का नुकसान हुआ. पीओके और NWFP में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 79,000 थी, हालांकि अन्य स्रोतों के अनुसार यह 86,000 थी, और घायलों की संख्या 69,000 से अधिक होने का अनुमान है.
जम्मू-कश्मीर में 1300 से अधिक मौतें
भारत के जम्मू-कश्मीर में कम से कम 1,350 लोग मारे गए और 6,266 घायल हुए, और भूकंप के झटके 620 मील (1,000 किमी) की दूरी पर, यहां तक कि उत्तर भारत के दिल्ली और पंजाब तक महसूस किए गए. अफगानिस्तान में चार लोगों की मौत हो गई. भूकंप के कारण हुई संपत्ति के नुकसान ने अनुमानित चार मिलियन लोगों को बेघर कर दिया.
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