इस्लाम की शांति में एक नासूर… पहलगाम हमले पर क्या बोले मौलाना सैयद मदनी
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई और मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. संगठन ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कश्मीरियों के भाईचारे की सराहना की.

पहलगाम हमले पर क्या बोले जमीयत प्रमुख?
नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की वर्किंग कमेटी की बैठक 3-4 मई को आयोजित की गई. हजरत मौलाना सैयद अरशद मदनी ने इसकी अध्यक्षता की. इस बैठक में पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की निंदा की गई. एक प्रस्ताव पारित करते हुए इस हमले को कायरतापूर्ण और अमानवीय करार दिया. जमीयत ने मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की.
जमीयत ने अपने प्रस्ताव में कहा कि आतंकवाद एक नासूर है. यह इस्लाम की शांति और भाईचारे की नीति के खिलाफ है. संगठन ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है. बैठक में पहलगाम हमले के बाद कश्मीरी जनता के भाईचारे और मानवता की भावना की भी सराहना की गई. जमीयत ने बताया कि कश्मीरियों ने न केवल पर्यटकों को सुरक्षा दी, बल्कि अपने घरों के दरवाजे खोल दिए, होटल मालिकों ने मुफ्त भोजन दिया और टैक्सी चालकों ने किराया तक नहीं लिया.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने पहलगाम हमले की निंदा.
जमीयत ने कहा कि यह त्रासदी केवल जम्मू-कश्मीर की नहीं बल्कि पूरे देश का है. साथ ही, कुछ तत्वों द्वारा इस घटना के बाद नफरत फैलाने के प्रयासों की निंदा की. जमीयत ने भारत सरकार से आंतकियों को कड़ी-कड़ी से सजा देने की मांग की. साथ ही कहा कि ये तय किया जाए कि भविष्य में कोई भी इस तरह के कृत्य की सोच भी न सके. संगठन ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम का वह पूर्ण समर्थन करता है.

आतंकवाद इस्लाम की शांति और भाईचारे की नीति के खिलाफ है
बताते चलें कि यह हमला पाकिस्तान समर्थित संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अंजाम दिया था. पहलगाम का हमला देश में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बन गया है. हालांकि, इस घटना के बाद कश्मीरियों के खिलाफ कुछ जगहों पर हिंसा की खबरें भी सामने आईं, जिसे जमीयत ने गलत ठहराया. संगठन ने सरकार से अपील की कि वह नफरत फैलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करे और देश में शांति और एकता को बनाए रखे.
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