इस पुलिस स्टेशन में न पुलिस है, न कोई कैदी…जेल की जगह किताबों की रैक बनी
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Tirayani police library: तेलंगाना के कोमुरमभीम आसिफाबाद जिले में पुराने पुलिस थाने को पुलिस अधिकारियों ने लाइब्रेरी में बदल दिया है. कभी माओवादी हिंसा का गढ़ रहा तिरयानी अब युवाओं के लिए ज्ञान, शांति और उम्मीद …और पढ़ें

पुलिस थाने की लाइब्रेरी
आमतौर पर पुलिस थाने की जो छवि हमारे दिमाग में होती है, वहां डर और अपराध का माहौल दिखता है. लेकिन तेलंगाना के कोमुरमभीम आसिफाबाद जिले के तिरयानी में एक ऐसा पुलिस स्टेशन है जो अब पूरी तरह बदल चुका है. यहां अब न अपराधियों की आवाज़ गूंजती है, न हथकड़ियों की झंकार सुनाई देती है. बल्कि अब यहां किताबें हैं, शांति है और ज्ञान का माहौल है. यह पुराना थाना अब लाइब्रेरी बन गया है, जहां छात्र और युवा आकर पढ़ाई कर सकते हैं.
जहां कभी थे माओवादी, अब है पढ़ाई का माहौल
तिरयानी क्षेत्र कभी माओवादियों का गढ़ माना जाता था. यहां का पुलिस स्टेशन भी एक समय आतंक का निशाना बना और 1995 में माओवादियों ने इसे बम से उड़ा दिया था. लेकिन वक्त बदला, हालात बदले और अब इस इलाके में शांति लौट आई है. जंगलों से घिरे इस आदिवासी क्षेत्र में अब बदलाव की बयार बह रही है. और इस बदलाव की सबसे बड़ी मिसाल है – तिरयानी का बदला हुआ पुलिस थाना.
पुलिस ने किया थाने को किताबघर में तब्दील
इस बदलाव के पीछे हैं कोमुरमभीम आसिफाबाद जिले के एसपी डी.वी. श्रीनिवास राव और एएसपी चित्तरंजन. इन अधिकारियों ने यह तय किया कि पुराने थाने की खंडहरनुमा इमारत को बेकार नहीं जाने देंगे. उन्होंने थाने की मरम्मत करवाई, दीवारों को रंगवाया और फिर उसे एक सुंदर पुस्तकालय का रूप दे दिया. अब इस लाइब्रेरी में मेज-कुर्सियों के साथ लगभग 200 किताबें रखी गई हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए कोई भी आ सकता है.
पढ़ाई के साथ प्रेरणा भी मिल रही है
इस पुस्तकालय में केवल पाठ्यक्रम की किताबें ही नहीं, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं, व्यक्तित्व विकास, देशभक्ति, नैतिकता और प्रेरणा से जुड़ी किताबें भी रखी गई हैं. यानी ये सिर्फ एक पढ़ाई की जगह नहीं, बल्कि युवाओं के सपनों को आकार देने का एक केंद्र बन चुकी है. तिरयानी और आस-पास के गांवों के छात्र और युवा यहां आकर पढ़ाई कर रहे हैं, चर्चा कर रहे हैं और अपने भविष्य की योजनाएं बना रहे हैं.
स्थानीय युवाओं ने किया स्वागत, कहा- हमें मिला नया रास्ता
इस अनोखी पहल का उद्घाटन खुद एएसपी चित्तरंजन ने किया, और उसमें क्षेत्र के युवा भी शामिल हुए. स्थानीय छात्रों ने खुशी जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. पुलिस का यह कदम हमें पढ़ने, आगे बढ़ने और एक बेहतर भविष्य की दिशा में बढ़ने की प्रेरणा दे रहा है. अब थाने की पहचान डर की नहीं, बल्कि उम्मीद और बदलाव की बन चुकी है.
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